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बिहार में 250 करोड़ का एक और घोटाला, किसने खाया किसानों का पैसा?

इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उच्चस्तरीय जांच का आदेश दे दिया है। उन्होंने जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन किया हैं। जांच टीम आर्थिक अपराध इकाई के आईजी जेएस गंगवार के नेतृत्व में चार्टेड प्लेन से भगलपुर पहुंची है। सभी अधिकारी अभी सर्किट

Edited by: India TV News Desk
Published : August 10, 2017 13:18 IST
Nitish-Kumar
Nitish-Kumar

नई दिल्ली: बिहार में एक नया घोटाला सामने आया है। ढ़ाई सौ करोड़ के इस घोटाले पर नीतीश कुमार और लालू यादव में नई लड़ाई छिड़ गई है। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि भागलपुर में जमीन अधिग्रहण के बदले किसानों को जो मुआवजा मिलना था वो नहीं बांटा गया जबकि इसके लिए सरकार ने ढाई सौ करोड़ रुपए रिलीज किए थे। हालांकि लालू यादव ने कहा है कि भागलपुर ही नहीं बिहार के कई जिलों में 2005 से ये घोटाला हो रहा है और इस घोटाले में नीतीश कुमार और सुशील मोदी का हाथ है। ये भी पढ़ें: AAP ने पूरे देश में उड़ने का ख्याल छोड़ा, दिल्ली तक समेटे अपने पंख

इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उच्चस्तरीय जांच का आदेश दे दिया है। उन्होंने जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन किया हैं। जांच टीम आर्थिक अपराध इकाई के आईजी जेएस गंगवार के नेतृत्व में चार्टेड प्लेन से भगलपुर पहुंची है। सभी अधिकारी अभी सर्किट हाउस पहुंचे हैं।

एडीजी मुख्यालय एसके सिंघल के मुताबिक गड़बड़ी 2008-09 से चल रही थी। हालांकि मामले का खुलासा कुछ दिनों पहले हुआ है। घटना के बाबत उन्होंने बताया कि भागलपुर जिला प्रशासन को विभिन्न योजनाओं की रकम सरकार द्वारा भेजी गई। जिला प्रशासन के बैंकों खातों में पहुंची रकम को प्रशासन द्वारा विभिन्न योजनाओं के लिए खोले गए सरकारी बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया। घोटाले की नींव यहीं से पड़ी। फर्जी हस्ताक्षर कर इन बैंक खातों से रुपए सृजन नामक स्वयंसेवी संस्था के छह खातों में ट्रांसफर किए गए।

इस मामले में आश्यर्चजनक पहलू यह है कि वर्ष 2008-09 से चल रहे इस खेल में सरकार के स्तर से जितने भी चेक बैंक को सौंपे गए, उन सभी चेक का भुगतान विगत फरवरी माह तक होता रहा। विगत फरवरी माह में मनोरमा देवी की मृत्यु के बाद जब बैंक ने सरकार के स्तर से जारी किए जा रहे चेक का भुगतान बंद कर दिया तब यह मामला सामने आया। सिंघल ने बताया कि फिलहाल इस मामले में किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है।

उन्होंने बताया कि ईओयू की टीम सृजन महिला समिति नामक एनजीओ की वर्तमान संचालक सरिता झा समेत कई अन्य महिलाओं से इस घोटाले के संबंध में पूछताछ कर रही है। साथ ही इंडियन ओवरसीज बैंक के मैनेजर व अन्य अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है।

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