नई दिल्ली: दारुल उलूम ने फतवा जारी कर महिलाओं के सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीर पोस्ट करने को गैर इस्लामी करार दिया है। दारुल उलूम का कहना है कि महिला का अपनी तस्वीरें फेसबुक, ट्वीटर या किसी अन्य सोशल साइट्स पर डालना इस्लाम के खिलाफ है। देवबंद के एक व्यक्ति ने फतवा विभाग के मुफ्तियों से सवाल पूछा था कि सोशल साइट फेसबुक, व्हाट्सऐप और ट्विटर आदि पर कुछ लोग परिवार की महिलाओं या अन्य महिलाओं की फोटो अपलोड कर देते हैं। इस्लाम धर्म में क्या यह अमल जायज है? ये भी पढ़ें: बाबा पर लगा महिला से अवैध संबंध का आरोप तो काट डाला अपना लिंग
इसका जवाब देते हुए फतवा विभाग के मुफ्तियों की खंडपीठ ने कहा कि सोशल साइट पर परिवार या अन्य किसी भी महिला का फोटो अपलोड नहीं करना चाहिए। इस्लाम में इसके लिए मनाही की गई है।
वहीं, मदरसा जामिया हुसैनिया के वरिष्ठ उस्ताद मौलाना मुफ्ती तारिक कासमी का कहना है कि सोशल साइट पर फोटो अपलोड किए जाने को लेकर दारुल उलूम के मुफ्तियों ने जो जवाब दिया है वो एकदम दुरुस्त है। इस्लाम में यह साफ तौर पर कहा गया है कि बिना जरूरत मुस्लिम महिला या पुरुष का फोटो खिंचवाना जायज नहीं है।
जब फोटो खिंचवाने की इजाजत नहीं है तो फेसबुक, व्हाट्सऐप और ट्विटर आदि साइट पर फोटो अपलोड करने को सही कैसे कहा जा सकता है। इसलिए सोशल साइट पर फोटो अपलोड करना नाजायज है। जिस पर मुसलमानों को अमल करना चाहिए।