जयपुर। राजस्थान सरकार मे पुलिस बेड़े मे पहला और बड़ा परिवर्तन हुआ, गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के चहेते अधिकारी कपिल गर्ग को डीजीपी बनाया गया है, गर्ग के डीजीपी बनते ही पुलिस हेड क्वार्टर के गलियारो मे चर्चा है कि उन्हें अशोक गहलोत के साथ वफादारी का ईनाम दिया गया है।
दरअसल पिछली वसुन्धरा सरकार मे वरिष्ठता को लाँघकर कपिल गर्ज की जगह ओपी गल्होत्रा को डीजीपी बनाया गया था, ऐसा माना जाता है कि पूर्व की गहलोत सरकार के दौरान गर्ग ने वसुन्धरा राजे का जयपुर मे कालीन चोरी मामला दोबारा खोला था, ऐसे में जब 2014 में वसुंधरा सरकार की वापसी हुई तो कपिल गर्ग को पुलिस हाउसिंग और कन्सट्रक्शन ऑपरेशन के अध्यक्ष पर बिठा दिया। पांच साल शंटिंग मे रहने के बाद अब जैसे ही अशोक गहलोत की वापसी हुई तो उन्हें वफादारी का ईनाम देते हुए डीजीपी बना दिया गया। हालांकि कपिल गर्ग सिर्फ 6 महीने के लिए ही इस पद पर बने रहेंगे क्योंकि 6 महीने के बाद वे रिटायर हो रहे हैं।
सरकार की इस तबादला सूची मे होम गार्ड को विरोधी खेमे के अफसरो का गढ बना दिया है, पूर्व डीजीपी ओपी गल्होत्रा को डीजीपी होमगार्ड लगाया गया है, वसुन्धरा सरकार मे इंटेलिजेंस की कमान संभाल रहे एडीजी यू आर साहु को एडीजी होम गार्ड नियुक्त किया गया है और आईजी दिनेश एमएन को फील्ड से हटाकर एडीजी उमेश मिश्रा के पास अटैच कर दिया गया है।