नयी दिल्ली। देश में कोरोना वायरस से जहां हाहाकार मचा हुआ है वहीं दूसरी ओर भारत में कोरोना के नए स्वरूप का पता चला है। वैज्ञानिकों ने कोरोना के नए स्वरूप (वेरिएंट) को लेकर बताया है कि ये तेजी से फैल सकता है और मनुष्य की प्रतिरोधक क्षमता को भी चकमा दे सकता है। भारत में कोरोना वायरस के एक नए स्वरूप का पता लगा है जो तेजी से फैल सकता है और मानव शरीर की प्रतिरोधक क्षमता से बच निकलने में सक्षम है। वैज्ञानिकों के अनुसार हालांकि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि नए स्वरूप के कारण देश में या पश्चिम बंगाल में वायरस से संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है।
पश्चिम बंगाल में कोरोना के ट्रिपल म्यूटेंट ने बढ़ाई चिंता
नए स्वरूप का पता सबसे पहले पश्चिम बंगाल में ही लगा था। नए स्वरूप को बी.1.618 नाम दिया गया है जो बी.1.617 से अलग है और इसे दोहरे उत्परिवर्तन वाले वायरस के रूप में भी जाना जाता है। माना जा रहा है कि भारत में दूसरी लहर में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि के पीछे यही स्वरूप है। बी.1.618 को ट्रिपल म्यूटेंट बताया जा रहा है। गौरतलब है कि भारत में पिछले 24 घंटों में शुक्रवार (22 अप्रैल) को रेकॉर्ड 3.15 लाख नए कोरोना केस सामने आए हैं जबकि 2100 लोगों की मौत हुई है। वैज्ञानिकों का मानना है कि वैश्विक स्तर पर नए कोरोना वेरिएंट की वजह से मामले बढ़ रहे हैं।
वैज्ञानिकों ने कोविड संबंधी उचित व्यवहार के पालन पर दिया जोर
सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (सीएसआईआर-आईजीआईबी), नयी दिल्ली के निदेशक अनुराग अग्रवाल ने कहा, ‘‘चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। मानक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बी.1.618 के संबंध में जांच की जा रही है। बी.1.618, भारत में मुख्य रूप से पाए जाने वाले सार्स-सीओवी-2 का एक नया स्वरूप है। देश में अभी बढ़ते कोरोना मामलों को लेकर पैदा हुयी चिंताओं को दूर करने का प्रयास करते हुए वैज्ञानिकों ने अधिक शोध और कोविड संबंधी उचित व्यवहार के पालन पर जोर दिया है।
जानिए ट्रिपल म्यूटेशन क्या है?
कुछ समय पहले डबल म्यूटेशन भारत में सामने आया था, जोकि दो स्ट्रेन से बनकर तैयार हुआ था। इसके बाद अब तीन कोविड वेरिएंट से मिलकर ट्रिपल म्यूटेशन तैयार हुआ है। यह महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली में पाया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि म्यूटेशन न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में नया संक्रमण फैला रहे हैं। ट्रिपल म्यूटेशन कितना संक्रामक है या कितना घातक है, यह अधिक अध्ययनों से ही पता चलेगा। अभी भारत भर में केवल 10 लैब वायरस जीनोम अध्ययन में शामिल हैं।