Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. इस रणनीति ने तोड़ी नक्सलियों की कमर, जंगल में घुसकर मार रहे हैं सुरक्षाकर्मी

इस रणनीति ने तोड़ी नक्सलियों की कमर, जंगल में घुसकर मार रहे हैं सुरक्षाकर्मी

अधिकारियों का मानना है कि माओवादी विरोधी नयी रणनीति में खुफिया सूचना एकत्रित करने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल इस सफलता की मुख्य वजह है जिसमें सटीक खुफिया सूचना के आधार पर माओवादी नेताओं और उनके मुखबिरों को निशाना बनाना शामिल है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 24, 2018 13:26 IST
New-Anti-Maoist-strategy-delivers-results-Red-Corridor-shrinking- India TV Hindi
इस रणनीति ने तोड़ी नक्सलियों की कमर, जंगल में घुसकर मार रहे हैं सुरक्षाकर्मी

नई दिल्ली: सुरक्षाबलों की नई रणनीति के कारण नक्सलवाद से प्रभावित जिलों की संख्या में काफी गिरावट दर्ज की गयी है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 2015 में जहां 75 जिले नक्सलवाद से प्रभावित थे, वहीं अब इसकी संख्या कम होकर 58 रह गयी है। 2016 में इनकी संख्या 67 हो गई और 2017 में यह आंकड़ा गिरकर 58 पर आ गया है। इस दौरान माओवादियों की तरफ से होने वाले हमलों में से 90 प्रतिशत हमले केवल चार राज्यों में हुए। ये राज्य हैं बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा।

अधिकारियों का मानना है कि माओवादी विरोधी नयी रणनीति में खुफिया सूचना एकत्रित करने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल इस सफलता की मुख्य वजह है जिसमें सटीक खुफिया सूचना के आधार पर माओवादी नेताओं और उनके मुखबिरों को निशाना बनाना शामिल है। सुरक्षाकर्मी भी दिन-रात ऑपरेशंस में शामिल हैं। इस रणनीति की मदद से जंगल के काफी अंदर तक माओवादियों को निशाना बनाने का काम किया जा रहा है जिसमें सफलता भी मिल रही है।

अधिकारियों के अनुसार बीएसएफ, आईएएफ, आईटीबीपी और सीआरपीएफ एवं राज्य पुलिस के द्वारा अधिक संयुक्त ऑपरेशंस को अंजाम दिया जा रहा है। ऑपरेशंस तो चल ही रहे हैं साथ ही साथ प्रशासन विकास कार्यों की रफ्तार भी बढ़ाने पर जोर दिया हुआ है। दूर-दराज के गांवों में पुलिस स्टेशनों की स्थापना के अलावा मोबाइल फोन टावर लगाने और सड़कों के निर्माण के काम को तेज किया गया है।

सीआरपीएफ के महानिदेशक राजीव राय भटनागर ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि हथियार, पैसे और वरिष्ठ नेताओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने की नक्सलियों की क्षमता में काफी गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि नक्सली अब केवल तीन इलाकों में प्रभावी रह गए हैं। ये हैं बस्तर-सुकमा का 1200 किलोमीटर का इलाका, आंध्र प्रदेश-ओडिशा सीमा का 2000 किलोमीटर का क्षेत्र और 4500 किलोमीटर के दायरे में फैला अबूझमाड़ का जंगल। राजीव राय ने बताया कि इन इलाकों में अभी तक सुरक्षाबलों और प्रशासन की मौजूदगी नहीं है।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement