नई दिल्ली। भाजपा की सहयोगी पार्टियों जदयू और अन्नाद्रमुक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई मंत्रिपरिषद में शामिल किए जाने की प्रबल संभावना है। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में भाजपा के बेहतर प्रदर्शन के कारण इन दोनों राज्यों के पार्टी नेताओं को भी मंत्रिपरिषद में जगह मिल सकती है। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी।
जदयू के एक नेता ने कहा कि पार्टी को मंत्रिमंडल में कम से कम एक पद मिलने की संभावना है। पार्टी को मंत्रिपरिषद में भी एक पद मिल सकता है। मोदी की नई मंत्रिपरिषद के सदस्यों को 30 मई को शपथ दिलाई जाएगी। राष्ट्रपति भवन ने रविवार को कहा कि नरेंद्र मोदी को गुरूवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी।
नई सरकार में शामिल किए जाने वाले संभावित चेहरों को लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन कई नेताओं का मानना है कि पिछली सरकार के ज्यादातर अहम सदस्यों को मंत्रिपरिषद में बरकरार रखा जाएगा। ऐसी अटकलें हैं कि पिछली सरकार में वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली स्वास्थ्य कारणों से मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं होंगे। लेकिन जेटली के करीबी लोगों का कहना है कि इलाज के बाद उनकी तबीयत ठीक है।
सरकार ने रविवार को दखल देकर इस बात पर जोर दिया कि उनकी सेहत से जुड़ी खबरें गलत और बेबुनियाद हैं। भारत सरकार के प्रधान प्रवक्ता सितांशु रंजन कार ने ट्वीट किया, ‘‘केंद्रीय मंत्री श्री अरुण जेटली की स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में मीडिया के एक हिस्से में आई खबरें गलत और बेबुनियाद है। मीडिया को सलाह दी जाती है कि अफवाह फैलाने से परहेज करें।’’
भाजपा से जुड़े राज्यसभा के सदस्य स्वप्न दासगुप्ता ने कहा कि जेटली ने उपचार करा लिए हैं और अब उनकी सेहत अच्छी हो रही है। वह अब भी अधिकारियों से मिल रहे हैं। नए मंत्रिमंडल में राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, नरेंद्र सिंह तोमर और प्रकाश जावड़ेकर जैसे पुराने चेहरे बने रह सकते हैं।
ऐसी अटकलें हैं कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी नई सरकार में मंत्री पद संभाल सकते हैं। हालांकि, शाह ने इस मुद्दे पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है। सूत्रों ने बताया कि भाजपा की सहयोगी लोजपा के प्रमुख राम विलास पासवान ने अपने सांसद पुत्र चिराग पासवान को मंत्री बनाने की वकालत की है। लोजपा ने छह लोकसभा सीटें जीती हैं। पासवान पिछली सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।
अन्नाद्रमुक को इस बार सिर्फ एक सीट मिली है। तमिलनाडु में सत्तासीन होने के कारण उसे एक मंत्री पद दिया जा सकता है। भाजपा ने इन चुनावों में पश्चिम बंगाल में 18 और तेलंगाना में चार सीटें जीती हैं। इसके कारण पार्टी नई सरकार में दोनों राज्यों को ज्यादा प्रतिनिधित्व दे सकती है।