नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर की वर्तमान समस्या के लिये कांग्रेस की विभिन्न सरकारों और जवाहरलाल नेहरू सरकार के दौर की बड़ी गलती को जिम्मेदार ठहराया। जम्मू कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 356 लगाए जाने संबंधी सांविधिक संकल्प पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों के दुख को सभी महसूस करते हैं? चाहे वे किसी भी विचारधारा के क्यों न हों। उधमपुर से सांसद एवं प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने राज्य में वर्तमान स्थिति के लिये कांग्रेस की सरकारों और नेहरू युग की ‘‘बड़ी गलती’’ को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इनकी लगातार बनने वाली सरकारों ने राज्य में बड़ी गलतियां (ब्लंडर) कीं।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश के अन्य हिस्सों को देखा, उस तरह से यदि उन्हें कश्मीर देखने दिया गया होता, तब स्थिति ऐसी नहीं होती। उन्होंने कहा कि राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद 2015 में भाजपा और पीडीपी ने मिलकर सरकार बनाया। हमारी विचारधारा अलग थी, जनता ने किसी को बहुमत नहीं दिया था। जनादेश था कि हम पीडीपी के साथ मिलकर सरकार बनायें। विचारधारा अलग होने और मतभेद होने पर भी हमने सरकार को चलाया और देश की प्रजातंत्र की परंपरा को निभाया। सिंह ने कहा कि भाजपा और पीडीपी गठबंधन के केंद्र में ‘विकास’ था लेकिन तीन साल बाद जब जनता से यह बात आई कि गठबंधन का एजेंडा ठीक से नहीं बढ़ रहा है तब हम गठबंधन से अलग हो गए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमने जनता के मार्गदर्शन से सरकार बनाई और जनता की बात पर ही अलग हुए।
उन्होंने राज्य में पंचायत चुनाव कराने सहित विकास कार्यो का भी उल्लेख किया। उन्होंने आरोप लगाया कि नेशनल कांफ्रेस, पीडीपी और कांग्रेस विचारधारा के स्तर पर एकमत नहीं हैं लेकिन भाजपा को बाहर करने के लिये वे सरकार बनाने को आतुर दिखी। राज्य में चुनाव कराने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी 24 घंटे चुनाव मोड में रहती है और चुनाव के लिये तैयार है।