दरअसल ये जासूसी ब्रिटिश दौर से ही चल रही थी जिसके तहत इंटेलिजेंस ब्यूरो न सिर्फ़ कलकत्ता में बोस परिवार के दो घरों 1 वुडबर्न पार्क और 38/2 एल्गिन रोड पर नजर रखता था बल्कि बोस परिवार के सदस्यों के पत्रों की कॉपी तक किया करते था। ब्यूरो के जासूस विदेश यात्राओं के दौरान भी साये की तरह उनका पीछा किया करते थे।
एजेंसी जानना चाहती थी कि बॉस के परिजन किससे मिलते-जुलते हैं और क्या बात करते हैं। दस्तावेज़ से ये स्पष्ट नहीं होता कि ये सब किस वजह से किया जा रहा था मगर आईबी नेताजी के भतीजों और शरतचंद्र बोस के बेटे शिशिर कुमार बोस और अमिय नाथ बोस पर ज्यादा नज़र रखता था।