नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में जेईई मेन 2020 प्रवेश परीक्षा के 1 सितंबर से और नीट 2020 परीक्षा के 13 सितंबर को आयोजन को स्थगित करने की याचिका को खारिज कर दिया गया है। याचिका खारिज करते हुए जस्टिस अरुण मिश्रा कि पीठ ने कहा कि क्या देश में सब कुछ रोक दिया जाए? एक कीमती साल को यूं ही बर्बाद हो जाने दिया जाए?
याचिका में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते सिंतबर में प्रस्तावित जेईई मेन और नीट यूजी परीक्षाओं को टालने की मांग की गई थी। जेईई परीक्षा 1 सितंबर से 6 सितंबर तक आयोजित की जाएगी, वहीं नीट परीक्षा 13 सितंबर को आयोजित की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान छात्रों की पक्ष रख रहे अधिवक्ता अलख के सबमिशन आरंभ करने के बाद न्यायाधीश अरुण मिश्रा ने पूछा कि यदि परीक्षाएं आयोजित नहीं होंगी तो इससे देश का नुकसान नहीं होगा? छात्रों के शैक्षणिक सत्र का नुकसान होगा। परीक्षाएं सावधानी के साथ आयोजित क्यों नहीं की जा सकती हैं?
वहीं एनटीए का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि परीक्षाओं का आयोजन पर्याप्त सावधानी के साथ होना चाहिए। इसके बाद अधिवक्ता अलख ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन जल्द आने की संभावना है जिसके बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त के भाषण में किया था। उन्होंने कहा कि परीक्षाएं अनिश्चित काल के लिए नहीं बल्कि कुछ समय के लिए स्थगित होनी चाहिए।
बता दें कि 11 राज्यों के छात्रों ने देश में तेजी से बढ़ रहे कोविड-19 महामारी के मामलों की संख्या के मद्देनजर जेईई मेन और नीट यूजी परीक्षाएं स्थगित करने के अनुरोध के साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कोरोना वायरस महामारी का जिक्र करते हुए राष्ट्रीय परीक्षा एजेन्सी (एनटीए) की तीन जुलाई की नोटिस रद्द करने का अनुरोध किया गया था।
इन नोटिस के माध्यम से ही एनटीए ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मुख्य, अप्रैल, 2020 और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) सितंबर में कराने का निर्णय लिया था। याचिका में प्राधिकारियों को सामान्य स्थिति बहाल होने के बाद ही इन परीक्षाओं को आयोजित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।