जयपुर। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि देश को पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए एक सोची समझी रणनीति की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उदारीकरण की नीतियों की नींव पर खड़े किए गए आर्थिक सुधारों को जारी रखने की जरूरत है।
डॉ. मनमोहन सिंह यहां एक निजी विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि गरीबी, सामाजिक असमानता, सांप्रदायिकता और धार्मिक कट्टरवाद तथा भ्रष्टाचार लोकतंत्र के समक्ष कुछ प्रमुख चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस समय हमारी अर्थव्यवस्था धीमी पड़ती दिखती है। जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट आ रही है। निवेश की दर स्थिर है। किसान संकट में हैं। बैंकिंग प्रणाली संकट का सामना कर रही है। बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। भारत को पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए हमें एक अच्छी तरह से सोची समझी रणनीति की जरूरत है।’’
उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को आतंकवाद रोकना चाहिए, भिन्न विचारों वाली आवाजों का सम्मान करना चाहिए और सरकार के हर स्तर पर संतुलन लाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘उदारीकरण की नीतियों पर खड़े किए गए आर्थिक सुधारों को जारी रखना समय की मांग की है।’’ राजस्थान से राज्यसभा सांसद सिंह ने कहा कि आने वाले समय में लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए देश को ज्ञानवान, सिद्धांतवादी व और दूरदर्शी नेताओं की जरूरत है।