नयी दिल्ली: रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने तेजी से बढ़ते शहरीकरण का दावा करते हुए शनिवार को कहा कि रक्षा संपदा अत्यंत महत्वपूर्ण परिसम्पतियां हैं। इनको किसी भी तरह के अतिक्रमण से बचाने के लिए अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। सीतारमण ने यहां रक्षा सम्पदा महानिदेशालय (डीजीडीई) द्वारा आयोजित रक्षा मंत्री अवार्ड्स फॉर एक्सिलेंस 2018 संबंधित कार्यक्रम में अपने संबोधन में यह सुनिश्चित करने के लिए छावनी और नगरपालिका प्राधिकारियों के बीच अधिक समन्वय पर जोर दिया ताकि अतिक्रमण के कारण रक्षा भूमि का कोई भी हिस्सा गंवाया न जा सके रक्षा मंत्री ने कहा कि जिन श्रेणियों में ये पुरस्कार दिये जा रहे हैं वे भारत को एक नागरिक-सचेत, कल्याण-सचेत और सार्वजनिक-जागरूक देश में बदलने में महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा कि रक्षा सम्पदा की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। यह उतना महत्वपूर्ण है जितना इस संप्रभु देश की सीमाओं की रक्षा है। मैं यह बहुत गंभीरता से कह रही हूं कि कई लाख एकड़ जमीन आपके नियंत्रण में हैं। विशेष तौर पर छावनी के क्षेत्र, 20 लाख से अधिक नागरिक उन पर निर्भर हैं। मंत्री ने कहा कि डीजीडीई द्वारा प्रबंधन किये जाने वाले क्षेत्र देश के दूरदराज, आंतरिक क्षेत्र में स्थित हो सकते हैं लेकिन रक्षा परिसंपत्तियों का प्रसार करना बहुत जरूरी है जो कि आपातकालीन (स्थिति) के लिए महत्वपूर्ण, देश की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण और हमारे सैनिकों को रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के शुरू में विभिन्न छावनियों के निर्वाचित प्रतिनिधियों ने उनसे मुलाकात की थी और कुछ क्षेत्रों में सड़क एवं पहुंच के मुद्दे पर चर्चा की थी।
उन्होंने कहा कि नगरों और शहरों जहां शहरीकरण का विस्तार बहुत तेज (गति से) हो रहा है और दबाव उन स्थानों के नजदीक आ रहा है जो रक्षा सम्पदा के नजदीक स्थित हैं...हम संभवत: स्थानीय प्राधिकारियों और डीजीडीए के बीच अधिक समन्वय की कमी की वजह से और स्थान गंवाते हैं। उन्होंने कहा कि किसी तरह का अतिक्रमण होने पर यह सभी के लिए सिरदर्द बन जाता है कि उसे कैसे हटाया जाए। सीतारमण ने कहा कि इसलिए मैं सभी से अपील करती हूं कि नगर निकायों और छावनी प्राधिकारियों के बीच अधिक समन्वय रखें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हम इंच दर इंच नहीं गंवायें।
केंद्रीय मंत्री ने विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किये। दिल्ली छावनी को स्वच्छ छावनी श्रेणी में पुरस्कार से नवाजा गया। उन्होंने पुरस्कारों पर कहा कि इस वर्ष का संस्करण थोड़ा विशेष था क्योंकि बाहरी एजेंसियों को भी आकलन प्रक्रिया में शामिल किया गया। अन्य श्रेणियों में छावनी आम अस्पतालों में सुधार, छावनी स्कूलों के संचालन में सुधार, दिव्यांग बच्चों के लिए केंद्रों की देखरेख, जनसेवा में नवोन्मेष और डिजिटल उपलब्धियां शामिल थीं।