नयी दिल्ली: भारत ने अमेरिका से कहा है कि अफगानिस्तान में तालिबान के साथ शांति समझौते के लिए पाकिस्तान का सहयोग अहम है लेकिन उसे पाकिस्तान पर उसकी सरजमीं से अपनी गतिविधियां चल रहे आतंकवादी नेटवर्क पर कार्रवाई करने के लिए दबाव बनाये रखना चाहिए। सरकारी सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच भेंटवार्ता के दौरान सीमापार आतंकवाद का खतरा तथा अमेरिका एवं तालिबान के बीच प्रस्तावित शांति समझौते के मुद्दे प्रमुखता से उठे थे।
भारतीय पक्ष ने अमेरिका से कहा कि अमेरिकी सैनिकों के हटने से आतंकवादी कार्रवाई नहीं बढ़ना चाहिए और अमेरिका को यह ध्यान में रखना चाहिए कि संविधान, महिलाओ और अल्पसंख्यकों के संदर्भ में पिछले 19 सालों में मिली उपलब्धियां धूल न फांकने लगे।
लंबी वार्ता के बाद अमेरिका और तालिबान शनिवार को एक शांति समझौते पर दस्तखत करने वाले हैं जिससे अफगानिस्तान से अमेरिकी सैन्यबलों की वापसी होने लगेगी। अमेरिका का मानना है कि अफगानिस्तान में दशकों से जारी लड़ाई की समाप्ति तथा वहां शांति एवं स्थायित्व लाने के लिए पाकिस्तान का सहयोग अहम है।
सूत्र ने कहा, ‘‘हम समझते हैं कि अमेरिका को अफगानिस्तान में पाकिस्तान का सहयोग चाहिए। लेकिन साथ ही भारत मानता है कि अमेरिका को आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान पर दबाव जारी रखने की जरूरत है।“