नई दिल्ली: कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 18 मई को लागू किए गए चौथे चरण के लॉकडाउन के दौरान रविवार सुबह आठ बजे तक संक्रमण के 85,974 मामले सामने आए जो देश में अब तक आए कुल मामलों का तकरीबन आधा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 31 मई की आधी रात को खत्म हो रहे चौथे चरण के लॉकडाउन में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों में से 47.20 प्रतिशत मामले सामने आए।
लॉकडाउन सबसे पहले 25 मार्च को लागू किया गया था जो 21 दिनों का था और उस दौरान 10,877 मामले सामने आए थे, जबकि दूसरे चरण का लॉकडाउन 15 अप्रैल को शुरू हुआ और तीन मई तक 19 दिनों तक रहा जिसमें 31,094 मामले आए थे। 14 दिनों का तीसरे चरण का लॉकडाउन 17 मई को समाप्त हुआ और 18 मई को सुबह आठ बजे तक 53,636 मामले सामने आए। देश में 24 मार्च तक कोविड-19 के 512 मामले सामने आए थे।
भारत इस वैश्विक महामारी से सबसे अधिक प्रभावित नौवां देश है। देश में कोरोना वायरस का पहला मामला केरल में 30 जनवरी को सामने आया था। वुहान विश्वविद्यालय से भारत लौटा मेडिकल का एक छात्र संक्रमित पाया गया था। भारत में रविवार को एक दिन के लिहाज से कोरोना वायरस के सबसे अधिक 8,380 मामले सामने आए हैं जिसके बाद संक्रमण के कुल मामले 1,82,143 हो गए हैं जबकि मृतक संख्या बढ़कर 5,164 हो गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में 89,995 लोग अब भी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं जबकि 86,983 लोग स्वस्थ हुए हैं और एक मरीज विदेश चला गया है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “अब तक करीब 47.75 प्रतिशत मरीज स्वस्थ हुए हैं।”
रविवार को खत्म हो रहे चौथे चरण के लॉकडाउन के साथ ही गृह मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि देश में आठ जून से ‘अनलॉक-1’ शुरू होगा जिसके तहत शॉपिंग मॉल्स, रेस्तरां और धार्मिक स्थल खोलने समेत व्यापक स्तर पर रियायतें दी जाएगीं। हालांकि देश के सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में सख्त पाबंदियां 30 जून तक लागू रहेंगी।
देशभर में निषिद्ध क्षेत्रों में लॉकडाउन के विस्तार की घोषणा करते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि आठ जून से चरणबद्ध तरीके से मंदिर, मस्जिद, गिरजाघरों और अन्य धार्मिक स्थलों तथा शॉपिंग मॉल्स खोलने की अनुमति दी जाएगी। वहीं, स्कूलों और कॉलेजों को खोलने पर फैसला राज्यों के साथ विचार-विमर्श के बाद जुलाई में लिया जाएगा।