जयपुर/भोपाल/अहमदाबाद: राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में बेमौसम बारिश, आंधी और बिजली गिरने की घटना में करीब 50 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। बेमौसम बारिश और आंधी के कारण गुजरात और राजस्थान में संपत्ति और फसलों को काफी नुकसान हुआ है। राजस्थान सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ, जहां बारिश की वजह से हुई घटनाओं में 21 लोगों की मौत हो गई। वहीं, मध्य प्रदेश में बारिश की वजह से हुई घटनाओं में 15 लोगों के मरने की खबर है। गुजरात में 10 और महाराष्ट्र में तीन लोगों की मौत हो गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में बारिश की वजह से हुए घटनाओं में लोगों की मौत को लेकर सुबह ट्विटर पर दुख जताया और राहत की घोषणा की। इसके तुरंत बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें सिर्फ अपने गृह राज्य गुजरात की चिंता है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से बाद में किए गए ट्वीट में कहा गया, ‘‘नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, मणिपुर और देश के विभिन्न हिस्सों में बेमौसम बरसात और आंधी-तूफान के चलते लोगों की मौत पर दुख जताया है।’’
पीएमओ ने अगले ट्वीट में कहा,‘‘मध्य प्रदेश, राजस्थान, मणिपुर और देश के विभिन्न हिस्सों में बेमौसम बरसात और आंधी के कारण अपनी जान गंवाने वाले लोगों के परिजन के लिए प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय राहत कोष से 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और घायलों के लिए 50 हजार रुपये की राशि देने को मंजूरी दी गयी है।’’ गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार बारिश से प्रभावित इलाकों में स्थिति पर करीब से नजर रख रही है और बारिश तथा आंधी से प्रभावित राज्यों को हर संभव मदद उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है।
जयपुर में राजस्थान के राहत सचिव ए टी पेडनेकर ने बताया कि बेमौसम की बारिश में 21 लोगों की मौत हो गई। उन्होंने बताया,‘‘ झालावाड़, उदयपुर और जयपुर में चार-चार लोगों की मौत हुई और जालौर तथा बूंदी में दो-दो लोगों तथा बारण, राजसमंद, भीलवाड़ा, अलवर और हनुमानगढ़ में एक-एक व्यक्ति की जान गई है।’’ पीड़ितों के परिजन के लिए 4-4 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की गई है। घटनाओं में कई पशु भी मारे गए।
भोपाल में अधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश में आंधी-तूफान के साथ बारिश होने और तड़ित गिरने की घटना में 15 लोगों की मौत हो गयी और कुछ अन्य घायल हो गए। बारिश के कारण इंदौर, धार और शाजापुर में 3-3 लोगों की मौत हो गई, रतलाम में 2 लोग और अलीराजपुर, राजगढ़, सिहोर, छिंदवाड़ा जिलों में 1-1 लोग मर गए। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लोगों की मौत पर दुख जताते हुए मोदी पर आरोप लगाया कि उन्हें सिर्फ अपने गृह राज्य गुजरात की चिंता है।
कमलनाथ ने ट्वीट किया, ‘‘मोदी जी, आप देश के प्रधानमंत्री हैं, न कि गुजरात के। मध्य प्रदेश में भी बेमौसम बारिश, तूफान और तड़ित गिरने से 10 से अधिक लोगों की मौत हुई है। लेकिन आपकी संवेदनाएं सिर्फ गुजरात तक ही क्यों सीमित है? भले यहां आपकी पार्टी की सरकार नहीं है लेकिन लोग यहां भी बसते हैं।’’ भाजपा ने इस पर पलटवार करते हुए कमलनाथ पर बारिश और आंधी से लोगों की मौत को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया।
भाजपा प्रवक्ता अनिल बलूनी ने दिल्ली में कहा कि कमलनाथ प्रक्रिया से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि राज्य सरकार को राहत पाने के लिए पहले ऐसी प्राकृतिक आपदा में हुई क्षति के बारे में केंद्र को सूचित करना होता है, लेकिन ऐसा करने के बजाय वह ट्वीट कर रहे हैं और इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं। बलूनी ने आरोप लगाया, ‘‘केंद्र को सूचित करने के बजाय उन्होंने इस त्रासदी पर राजनीति करना चुना।’’
अहमदाबाद में गुजरात सरकार के राहत अभियान के निदेशक जी बी मंगलपारा ने बताया कि उत्तर गुजरात के जिलों के कई इलाकों और सौराष्ट्र क्षेत्र में बारिश और आंधी-तूफान में 10 लोगों की मौत हो गई है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राज्य में वर्षा जनित घटनाओं में जान गंवाने वालों के परिजन को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की।
रूपाणी ने दाहोद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा कर चुके हैं, राज्य सरकार भी मृतकों के परिवारों को दो लाख रुपये की मदद देगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर गुजरात में अधिकतर लोगों की मौत आकाशीय बिजली की चपेट में आने और पेड़ों के गिरने के कारण हुई।’’ महाराष्ट्र के नासिक जिले में बारिश के दौरान वज्रपात से 71 वर्षीय महिला, 32 वर्षीय पुरुष और मंदिर के एक पुजारी की मौत हो गई।