नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार की शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद महाराष्ट्र में राजनीति को लेकर सियासी गलियारे में अटकलों का बाजार तेज हो गया है। इस बीच पीएम मोदी और शरद पवार के बीच मुलाकात को लेकर एनसीपी ने बयान जारी किया है।
एनसीपी ने अपने बयान में कहा कि बैंकिंग कानूनों में बदलाव को लेकर पीएम से मुलाकात की है, साथ ही शरद पवार ने पीएम को लिखित ज्ञापन भी सौंपा है। NCP ने कहा कि को-ऑपरेटिव बैंक को लेकर पीएम मोदी से चर्चा की है। को-ऑपरेटिव बैंक में बदलाव से सहकारी बैंक के अधिकार कम हुए। को-ऑपरेटिव बैंकों के अधिकार कम किए गए। को-ऑपरेटिव बैंकों के अधिकार RBI को दिए गए। नए नियमों में कोई भी शेयर होल्डर किसी को भी शेयर बेच सकता है। शेयर बेचने के अधिकार का उद्योगपति गलत फायदा उठा सकते हैं। शेयर खरीद कर बैंक पर कब्जा करना आसान होगा।
राकांपा नेता शरद पवार ने की प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और राष्ट्र हित से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की। पवार ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। राष्ट्र हित से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।’’ इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ट्वीट कर दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात की एक तस्वीर साझा की थी। ज्ञात हो कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को शरद पवार और पूर्व रक्षा मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता ए के एंटनी से मुलाकात की थी।
शरद पवार पिछले 2 दिनों से दिल्ली में हैं
इस बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे भी मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में पूर्वी लद्दाख में भारत की सीमा पर चीन के साथ जारी गतिरोध से जुड़े ताजा पहलुओं पर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार राजनाथ सिंह ने पवार और एंटनी को सीमा पर की ताजा स्थिति और भारत की सैन्य तैयारियों से अवगत कराया। पवार देश के रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने भी शुक्रवार को पवार से मुलाकात की थी। बता दें कि, शरद पवार पिछले 2 दिनों से दिल्ली में हैं।
19 जुलाई से शुरू हो रहा है संसद का मानसून सत्र
यह मुलाकातें इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि 19 जुलाई से संसद का मानसून सत्र आरंभ हो रहा है। शरद पवार की गिनती देश के वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं में होती है। 80 वर्षीय पवार के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से अच्छे संबंध भी हैं। पिछले दिनों उन्होंने कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात की थी। उनकी इस कवायद को विपक्षी एकता मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा गया था। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे पवार ने राज्य की शिव सेना, राकांपा और कांग्रेस के गठबंधन वाली महा आघाड़ी सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मुलाकात से शिवसेना और कांग्रेस चौकन्ना
गौरतलब है कि, पवार की पीएम मोदी समेत अलग-अलग नेताओं से मुलाकात के राजनीतिक गलियारों में सियासी मायने निकाले जाने के और भी कई कारण हैं। एक तो मुंबई में कुछ दिनों में बीएमसी के चुनाव होने वाले हैं, वहीं महाराष्ट्र में विधानसभा स्पीकर के चुनाव भी होने हैं। ऐसे में इस मुलाकात से इन सियासी अटकलों को बल मिलता है। पीएम मोदी और पवार की इस मुलाकात से शिवसेना और कांग्रेस भी चौंकन्ना हो गई होगी।