मुंबई। लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के कुछ दिन बाद राकांपा प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को ईवीएम को लेकर फिर से संदेह जताया और कहा कि विशेषज्ञों और तकनीक के जानकारों की मौजूदगी में दिल्ली में विपक्षी दल इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के 20 साल होने के अवसर पर कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि यह पता लगाने की जरूरत है कि एक मतदाता द्वारा अपनी पसंद के पार्टी उम्मीदवार के नाम के आगे बटन दबाने के बाद वास्तव में क्या आता है और वीवीपैट में क्या दिखता है।
हालांकि, उनके भतीजे अजित पवार का रुख इस मुद्दे पर अलग रहा और उन्होंने ईवीएम की आलोचना पर सवाल उठाए। अजित ने राकांपा कार्यकर्ताओं को आम चुनाव के नतीजे पर समय नहीं गंवाने और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए और सीटें जीतने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि चुनान परिणामों के बाद उन्होंने कई विशेषज्ञों से बात की है ।
महाराष्ट्र में राजग गठबंधन को कुल 48 सीटों में 41 सीटों पर जीत मिली जबकि राकांपा के खाते में केवल चार सीटें आयी। राकांपा प्रमुख ने कहा कि लगता है कि पसंदीदा उम्मीदवार के नाम के सामने वोटर के बटन दबाने तक चुनावी प्रक्रिया को लेकर कुछ भी गलत नहीं था और वीवीपैट उपकरण में भी यही दिखा।
पवार ने कहा, ‘‘मतदान केंद्र में वहां एक अधिकारी बैठा होता है जिसके सामने एक मशीन होती है, जब आप ईवीएम पर बटन दबाते हैं, यह वीवीपैट पर नजर आता है और वहां से वहां (अधिकारी के सामने मशीन के पास) स्थानांतरित हो जाता है ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वोट मशीनों के गिने जाते हैं। अब आपको क्या पता है कि वहां (अधिकारी के सामने) मशीन में क्या स्थानांतरित होता है? समस्या वहीं है। यह पता लगाने की जरूरत है कि इस चरण में क्या होता है।’’
उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में ईवीएम के बारे में लोगों के मन में कोई संदेह नहीं रहने चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को यह नहीं लगना चाहिए कि जिस पार्टी को उन्होंने वोट दिया वो दूसरे के आंकड़े में दिख रहा है। पवार ने कहा, ‘‘लोग भले अभी चुप हैं, लेकिन वे कानून हाथ में ले सकते हैं। यह नहीं होना चाहिए । हमें लोकतंत्र को बचाना होगा।’’
राकांपा नेता धनंजय मुंडे ने आम चुनाव में भाजपा की जीत को पार्टी द्वारा ईवीएम में छेड़छाड की जीत बताया। अजित ने पार्टी कार्यकर्ताओं को भविष्य के चुनावों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। अजित पवार ने पूछा, ‘‘तीन महीने पहले कांग्रेस को राजस्थान और मध्यप्रदेश में जीत मिली जबकि तेलंगाना में टीआरएस ने सरकार बनायी। तेलंगाना में मुख्यमंत्री (के चंद्रशेखर राव) की बेटी लोकसभा चुनाव हार गयीं। यह कैसे हो सकता है जब आप जीत जाएं तो ईवीएम सही और हार जाएं तो उस पर दोष मढ़ें। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह अलग मुद्दा हो सकता है। लेकिन जहां तक ईवीएम को दोषी ठहराया जा रहा है मेरा आप सबसे (कार्यकर्ताओं) अनुरोध है कि हमें विधानसभा चुनाव जीतने के लिए अपनी कोशिशें कम नहीं करने चाहिए।’’ अजित ने कहा कि लोगों ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री चुनने के लिए मन बना लिया था और इसी के मुताबिक अपने स्थानीय सांसद चुने।
उन्होंने राकांपा के कांग्रेस में विलय की संभावना संबंधी खबरों को बकवास बताते हुए कहा कि पार्टी अपना स्वतंत्र अस्तित्व बरकरार रखेगी। बहरहाल, पवार ने आरोप लगाया कि भाजपा ने राष्ट्रवादी भावनाओं को भुनाकर सत्ता कायम रखी जबकि विपक्षी दलों ने लोगों से जुड़े मुद्दों को उठाया।