नई दिल्ली: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (NCMC) ने अम्फान चक्रवात की तैयारियों की शनिवार को समीक्षा की और तूफान से प्रभावित होने वाले पश्चिम बंगाल और ओडिशा को तत्काल सहायता देने का निर्देश दिया। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में एनसीएमसी की बैठक, चक्रवात की तैयारियों का जायजा लेने के लिए हुई थी। एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि कैबिनेट सचिव ने मौजूदा स्थिति और राहत एवं बचाव कार्यों की तैयारी की समीक्षा की तथा तत्काल जरूरी सहायता देने का निर्देश दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, NCMC की बैठक में एनडीआरएफ और सुरक्षा बलों के साथ ही पावर और टेलीकम्यूनिकेशन डिपार्टमेंट को भी आपता स्थिति के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। क्षेत्र में तेज हवाओं के साथ भारी से अत्यंत भारी बारिश और ज्वारभाटा आने का अनुमान है। 21 सालों के बाद कोई सुपर साइक्लोन भारत के तटीय इलाके से टकराने जा रहा है। इसको देखते हुए आर्मी, एयर फोर्स के साथ एनडीआरएफ को अलर्ट किया गया है। मौसम विभाग का कहना है कि 1999 में ओडिशा तट पर आए प्रचंड चक्रवातीय तूफान के बाद यह उस श्रेणी का दूसरा तूफान है।
गृह मंत्रालय के अनुसार दोनों राज्य ने बताया कि चक्रवात से प्रभावित होने वाले इलाकों से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। इसके साथ ही भोजन, पीने के पानी और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए सभी व्यवस्था कर ली गई है। वहीं, बिजली और दूरसंचार सेवाओं के रखरखाव और बहाली के लिए टीमें भी तैनात की गई हैं। राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए, कैबिनेट सचिव ने राज्य सरकारों से कहा कि वे चक्रवात से प्रभवित होने वाले इलाकों से लोगों की समय पर और पूर्ण निकासी सुनिश्चित करें और भोजन, पेयजल, और दवाओं जैसे आवश्यक सामानों की पर्याप्त मात्रा बनाए रखें।
गृह मंत्रालय ने साथ ही यह भी जानकारी दी कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की 36 टीमें वर्तमान में दोनों राज्यों में तैनात हैं। नौसेना और वायु सेना और तटरक्षक बल के जहाजों और विमानों के साथ सेना और नौसेना के बचाव और राहत दल को स्टैंडबाय पर रखा गया है।