नई दिल्ली: घर और फ्लैट खरीदने वालों के लिए बुरी खबर है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल (एनसीएलटी) ने जेपी इंफ्राटेक को दिवालिया घोषित कर दिया है। जानकारी के अनुसार जेपी बिल्डर पर 8365 करोड़ का कर्ज है। एनसीएलटी ने जेपी बिल्डर को 270 दिनों का समय दिया है। अगर इस अगले 9 महीने में हालात नहीं बदले तो संपत्ति भी नीलाम होगी। एनसीएलटी के आदेश के मुताबिक कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स सस्पेंड रहेंगे। ये भी पढ़ें: 12000 करोड़ की रेमंड के मालिक विजयपत सिंघानिया पाई-पाई को मोहताज
इसके अलावा एनसीएलटी एक अधिकारी नियुक्त करेगी, जो 270 दिनों में जेपी के फाइनेंस की जांच करेगा। ये अधिकारी 7 अकाउंटिंग कंपनियों में से चुना जाएगा। खबरों के मुताबिक एनसीएलटी ने साफ कह दिया है कि अगर 270 दिनों में जेपी ग्रुप के हालात नहीं बदले तो जेपी इंफ्राटेक की संपत्ति नीलाम कर दी जाएगी। जेपी इंफ्राटेक जयप्रकाश एसोसिएट्स की मुख्य बड़ी कंपनियों में से एक है। जयप्रकाश एसोसिएट्स का इस कंपनी में 71.64 फीसदी का हिस्सा है।
वहीं एनसीएलटी के इस आदेश के बाद उत्तर प्रदेश में जेपी बिल्डर से मकान, फ्लैट खरीदने वाले हजारों लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। नोएडा, ग्रेटर नोएडा में जेपी के कई प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं। एक अनुमान के मुताबिक जेपी बिल्डर के करीब 32 हजार फ्लैट्स निर्माणाधीन हैं। बता दें कि जेपी ग्रुप गौतमबुद्ध नगर, अलीगढ़, आगरा में 5 टाउनशिप बना रहा है। इन बड़ी परियोजनाओं में हजारों घर, पेंट हाउस, प्लॉट्स, स्कूलों की जगह है।
गौरतलब है कि कुछ वक्त पहले आरबीआई ने बैंकों के एनपीए को कम करने की दिशा में कार्रवाई करते हुए 12 डिफॉल्टर्स की पहचान की थी। इन 12 खातेदारों पर बैंकों का करीब 5000 करोड़ रुपये से भी अधिक बकाया था। कुल एनपीए का 25 फीसदी इन 12 खातेदारों के नाम पर था। इन्हीं 12 खातेदारों में से एक है जेपी इंफ्राटेक भी है।