नयी दिल्ली: अभिनेता शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान की गिरफ्तारी वाले क्रूज जहाज मादक पदार्थ मामले की जांच का नेतृत्व कर रहे स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के मुंबई क्षेत्रीय इकाई प्रमुख समीर वानखेड़े सोमवार रात राष्ट्रीय राजधानी पहुंच गये। क्रूज जहाज मादक पदार्थ मामले में वानखेड़े सहित एजेंसी के कुछ अधिकारियों और अन्य द्वारा आर्यन को छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग किये जाने का एक गवाह ने आरोप लगाया था, जिसकी सतर्कता जांच के एनसीबी के आदेश के मद्देनजर वह (वानखेड़े) दिल्ली आए हैं।
समीर वानखेड़े ने यहां इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के बाहर मीडिया कर्मियों से कहा कि उन्हें एजेंसी ने तलब नहीं किया है बल्कि कुछ काम से यहां आए हैं। अधिकारी ने रविवार को मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नागरले को पत्र लिख कर उनके खिलाफ कुछ अज्ञात लोगों द्वारा संभावित कानूनी कार्रवाई की योजना बनाये जाने से संरक्षण की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि वे लोग उन्हें फंसाना चाहते हैं। हालांकि, वानखड़े को वसूली संबंधी स्वतंत्र गवाह प्रभाकर सैल द्वारा किये गये सनसनीखेज दावे पर एक हलफनामे के सिलसिले में कोई राहत नहीं मिल पाई।
बता दें कि मामले में 'स्वतंत्र गवाह' प्रभाकर सैल ने रविवार को दावा किया था कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के एक अधिकारी और कथित तौर पर फरार गवाह केपी गोसावी सहित अन्य ने आर्यन खान को छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की है।
सैल ने पत्रकारों से कहा था कि आर्यन को तीन अक्टूबर को एनसीबी कार्यालय लाने के बाद उन्होंने गोसावी को फोन पर सैम डिसूजा नामक एक व्यक्ति से 25 करोड़ रुपये की मांग करने और मामला 18 करोड़ रुपये पर तय करने के बारे में बात करते हुए सुना था, क्योंकि उन्हें ‘‘आठ करोड़ रुपये समीर वानखेडे (एनसीबी के जोनल निदेशक) को देने थे।’’ सैल ने दावा किया था कि वह जल्द ही सबूत भी पेश करेंगे।
एनसीबी और वानखेड़े ने सोमवार को अदालत को सौंपे गए अपने हलफनामे में इन दावों को खारिज किया है। वानखेड़े ने रविवार को मुंबई पुलिस आयुक्त को पत्र लिख, अज्ञात लोगों द्वारा कथित सतर्कता संबंधी मामले में फंसाने के लिये उनके खिलाफ ''योजनाबद्ध'' कानूनी कार्रवाई किए जाने से सुरक्षा मांगी की थी।