सुकमा: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में 17 जवानों के शहीद होने की घटना के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी और राज्य से नक्सलियों को जड़ से उखाड़कर फेंका जाएगा। सुकमा जिले में नक्सली हमले में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद संवाददाताओं से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, ‘‘मिनपा गांव के जंगल में नक्सलियों और जवानों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई। हमारे जवान बहादुरी से लड़े हैं। मुझे उन पर बेहद गर्व है।’’ बघेल ने कहा कि जवानों ने लड़ते-लड़ते अपने प्राणों की आहुति दी है। उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि घायल जवानों से उन्हें जानकारी मिली है कि मुठभेड़ के दौरान अनेक नक्सली भी लगातार गिरते रहे। उन्होंने कहा कि शहीद जवानों के परिवार के साथ छत्तीसगढ़ सरकार खड़ी हुई है और वह हर परिस्थति में उनका सहयोग करेगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब तक यह समस्या समाप्त नहीं हो जाती है, तब तक लड़ाई जारी रहेगी और हम नक्सलियों को जड़ से उखाड़ कर रहेंगे।
उन्होंने कहा कि डीआरजी, एसटीएफ और अर्द्धसैन्य बल नक्सलियों का मुकाबला करते रहेंगे। रणनीति को लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की रणनीति में कोई कमी नहीं है और न ही सूचनातंत्र में कोई चूक हुई है। बघेल ने कहा कि नक्सली गतिविधि की सूचना के बाद सुरक्षा बलों के जवानों को रवाना किया गया था। नक्सली पहाड़ में थे और सुरक्षा बल के जवान मैदान में थे। यदि जवान पहाड़ में होते तब नक्सलियों को ज्यादा नुकसान होता।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के मिनपा गांव के करीब नक्सलियों ने शनिवार को सुरक्षा बल के जवानों पर हमला कर दिया था। इस हमले में 15 जवान घायल हो गए थे तथा 17 जवान लापता हो गए थे। रविवार को लापता जवानों के शव बरामद किए गए। शहीद जवानों में 12 डीआरजी के जवान शामिल हैं।
यह पहली बार है कि नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले डीआरजी के जवानों पर बड़ा हमला हुआ है। डीआरजी के ज्यादातर जवान बस्तर क्षेत्र से हैं तथा इनमें कई आत्मसमर्पित नक्सली हैं। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पांच अन्य शहीद जवानों में एसटीएफ के प्लाटून कमांडर गीतराम राठिया और सहायक प्लाटून कमांडर नारद निषाद शामिल हैं।