नागपुर: महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के भामरागढ़ और कुरखेड़ा गांवों में नक्सलियों के पर्चे तथा बैनर मिले हैं, जिनमें 19 मई को बंद की घोषणा की गई है। पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि इन पर्चों पर प्रतिबंधित कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) की पश्चिम उपक्षेत्रीय समिति का नाम लिखा है। पर्चों में एक मई को क्यूआरटी कर्मियों पर किए गए हमले को बदले की भावना से किया गया हमला बताया गया है।
पर्चों में कहा कहा गया है कि एक मई को क्यूआरटी कर्मियों पर किया गया हमला पिछले साल 22 अप्रैल को भामरागढ़ तालुका के कसनासुर जंगल में 40 नक्सलियों के मारे जाने का बदला है। एक मई को नक्सलियों के घात लगाकर किए गए हमले में 15 जवान शहीद हो गए थे। नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी ब्लास्ट में क्विक रिस्पॉन्स टीम को ले जा रहा वाहन चपेट में आ गया था। इस हमले में निजी बस का ड्राइवर भी मारा गया है।
पर्चों में यह भी दावा किया गया है कि नक्सली रामको उर्फ कमला नरोटे और शिल्पा दुर्वा को पुलिस ने पहले पकड़ लिया था और फिर मार दिया था। नक्सलियों ने बैनर में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए नक्सली रामको नरोटी और शिल्पा ध्रुवा को अमर बताया है और पुलिस के साथ हुई उनकी मुठभेड़ को झूठा करार दिया है।
बता दें यह वही क्षेत्र है जहां नक्सलवादियों की धमकियों से प्रशासन ने लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान को रद्द किया था। लिहाजा, एक बार फिर नक्सलियों ने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में एटापल्ली के दो गांवों में बीते गुरुवार को बैनर लगाने के साथ पर्चे फेंकने का काम किया है।
(इनपुट-भाषा)