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नक्सल प्रभावित इलाकों का इस्तेमाल भांग की अवैध खेती करने में हो रहा है: अधिकारी

आंध्रप्रदेश, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के नक्सलवाद प्रभावित इलाकों और कुछ पहाड़ी राज्यों के दुर्गम भौगोलिक क्षेत्रों में भांग की अवैध खेती हो रही है और वहां से उत्पादित मादक पदार्थों की आपूर्ति पूरे देश में की जाती है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 20, 2020 16:01 IST
Naxalite affected areas are being used for illegal cultivation of cannabis: officials- India TV Hindi
Image Source : PIXABAY Naxalite affected areas are being used for illegal cultivation of cannabis: officials

नयी दिल्ली: आंध्रप्रदेश, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के नक्सलवाद प्रभावित इलाकों और कुछ पहाड़ी राज्यों के दुर्गम भौगोलिक क्षेत्रों में भांग की अवैध खेती हो रही है और वहां से उत्पादित मादक पदार्थों की आपूर्ति पूरे देश में की जाती है। यह जानकारी मंगलवार को अधिकारियों ने दी। स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने पिछले दो महीने में देश के विभिन्न हिस्सों से भारी मात्रा में मादक पदार्थ भी जब्त किया है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि भारत में भांग की अवैध खेती मुख्यत: आंध्रप्रदेश, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के नक्सल प्रभावित इलाकों और हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, मणिपुर, अरूणाचल प्रदेश तथा त्रिपुरा के पहाड़ी क्षेत्रों में होती है। 

इन क्षेत्रों के ‘गांजे’ की आपूर्ति दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु और केरल सहित पूरे देश में की जाती है और इसकी तस्करी श्रीलंका तक भी होती है। अधिकारी ने बताया कि कठिन भौगोलिक क्षेत्र और दुर्गम इलाके होने के कारण प्रवर्तन एजेंसियों के लिए भांग की अवैध खेती को समाप्त करना मुश्किल हो जाता है। पूरे भारत में एनसीबी की तरफ से किए गए गहन प्रवर्तन प्रयासों के कारण विभिन्न राज्यों में संचालित हो रहे नशा तस्करी नेटवर्क पर कड़ी कार्रवाई हुई है। खुफिया सूचनाओं को जुटाने और एनसीबी की कार्रवाई के समन्वित प्रयास के कारण भारी मात्रा में मादक पदार्थ जब्त किया गया है। 

एनसीबी ने अगस्त और अक्टूबर के पहले हफ्ते के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में 10,700.5 किलोग्राम ‘गांजा’ जब्त किया। एनसीबी ने पिछले दो महीने में 1.18 किलोग्राम मेथालीनडाइऑक्सी- मेथाम्फेटामाइन (एमडीएमए) जब्त किया है। देश में एमडीएमए की लोकप्रियता में काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई है। यह पार्टी मादक पदार्थ है और इससे ऊर्जा और आनंद दोनों में इजाफा महसूस होता है। यह मुंबई और बेंगलुरू जैसे बड़े शहरों में लोकप्रिय है।

यूएनओडीसी विश्व मादक पदार्थ रिपोर्ट, 2020 के मुताबिक एमडीएमए का उत्पादन मुख्यत: यूरोप और खासकर पश्चिम और मध्य यूरोप में होता है। कृत्रिम मादक पदार्थ जैसे तारामाडोल की भी लोकप्रियता धीरे-धीरे बढ़ रही है। एनसीबी ने पिछले दो महीने में राजस्थान और महाराष्ट्र में तारामाडोल के कुल छह लाख 53 हजार 300 टैबलेट जब्त किए थे। तारामाडोल के बढ़ते उपभोग को देखते हुए इसे स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस) कानून के तहत 2018 में अधिसूचित किया गया।

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