रायपुर. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों ने दरभा डिवीजनल कमेटी सदस्य विनोद हेमला की कोरोना वायरस संक्रमण से मृत्यु होने का दावा किया है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, आठ लाख रुपए का इनामी नक्सली विनोद झीरम घाटी हमला और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक भीमा मंडावी की हत्या समेत 16 से अधिक नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड था।
बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने मंगलवार को बताया कि माओवादियों की दरभा डिवीजनल कमेटी के सदस्य विनोद हेमला उर्फ हुंगा उर्फ विनोदन्ना (60) की 11 जुलाई को मौत हो गई। सुंदरराज ने बताया कि नक्सली कमांडर विनोद कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद लगभग एक माह से बीमार था। उसका सुकमा और बीजापुर जिले के सीमावर्ती जंगल में इलाज किया जा रहा था।
पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि पुलिस को मंगलवार को नक्सली कमांडर का अंतिम संस्कार करने की जानकारी मिली है। उन्होंने बताया कि विनोद बटालियन नंबर एक के कमांडर हिड़मा के गांव पूवर्ती (सुकमा जिला) का रहने वाला था। वह वर्ष 1994 से माओवादी संगठन में सक्रिय था। वह कटेकल्याण, मलांगिर और कांगेर घाटी एरिया कमेटी के अंतर्गत इलाके में सक्रिय रहा। उसे वर्ष 2009 में दरभा डिवीजनल कमेटी का सदस्य बनाया गया था।
सुंदरराज ने बताया कि विनोद वर्ष 2013 में झीरम घाटी नक्सली हमले और वर्ष 2019 में भाजपा विधायक भीमा मंडावी की हत्या समेत 16 से अधिक वारदातों का मास्टरमाइंड था। छत्तीसगढ़ में 25 मई 2013 को नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला कर दिया था। इस हमले में पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल और विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे महेंद्र कर्मा समेत 29 लोगों की मौत हुई थी।
पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि विनोद पर आठ लाख रुपए का इनाम था। इससे पहले पुलिस अधिकारियों ने कोविड-19 के कारण माओवादियों की केंद्रीय समिति के सदस्य हरिभूषण उर्फ यापा नारायण की मृत्यु का दावा किया था। हरिभूषण पर 40 लाख रुपए का इनाम था। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक 21 जून को हरिभूषण (52) की कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मृत्यु हो गई। हरिभूषण तेलंगाना राज्य समिति का सचिव भी था।
बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज ने बताया कि नक्सल शिविरों में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण स्थिति चिंताजनक है। पिछले कुछ महीनों में संक्रमण के कारण लगभग 20 वरिष्ठ और मध्यम स्तर के नक्सलियों की मौत हुई है। वहीं कई अन्य नक्सली संक्रमित हैं। पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि नक्सली संक्रमित हो रहे हैं इसलिए ग्रामीणों से अनुरोध किया गया है कि वह नक्सलियों और उनके शिविरों से दूर रहे। साथ ही नक्सलियों से हिंसा से छोड़कर चिकित्सा सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए आत्मसमर्पण करने को कहा जा रहा है।