अरक्कोणम (तमिलनाडु): नौसेना ने श्रीलंका में आईपीकेएफ अभियान समेत कई अभियानों में अहम भूमिका निभाने वाले लंबी दूरी की मारक क्षमता वाले समुद्री गश्ती विमान टीयू 142एम को आज सेवामुक्त कर दिया। इस विमान को 29 साल दुर्घटनामुक्त सेवा के बात सेवामुक्त किया गया। रूस निर्मित इस विमान को चेन्नई से करीब 90 किलोमीटर दूर यहां आईएनएस राजाली में आयोजित विशेष समारोह में नौसैन्य प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा की उपस्थिति में सेवामुक्त किया गया।
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सेवामुक्त किए जाने के साथ ही टुपोलेव 142 एम के नौसेना में शानदार करियर का समापन हो गया। टुपोलेव 142 एम की जगह बोइंग के पी 8आई समुद्री निगरानी विमान को सेवा में तैनात किया जाएगा जो पोत रोधी मिसाइलों, हल्के टारपीडो, रॉकेट और नई पीढ़ी के सेंसरों एवं रडारों से युक्त है। रूस के इस विमान को 1998 मंे गोवा के डाबोलिम मंे नौसेना में शामिल किया गया था। बाद में इसका आधार वर्ष 1992 मंे आईएनएस राजाली स्थानान्तरित किया गया था और इसने कई नौसैन्य अभ्यासों एवं अभियानों में भाग लिया था।
एडमिरल लांबा ने टीयू 142 एम की सेवाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि विमान ने 1980 के दशक के अंत में श्रीलंका में भारतीय शांति रक्षा बल :आईपीकेएफ: अभियानों समेत भारतीय नौसेना के कई अभियानों में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, टीयू 142एम गौरव और पराक्रम का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इसे सेवामुक्त किए जाने का समारोह इसके साथ जुडे़ रहे जवानों के लिए एक भावनात्मक क्षण है। लांबा ने कहा कि सेंसरों एवं रडारों समेत आधुनिक तकनीक से युक्त पी 8आई से ताकत में इजाफा होगा।