श्रीनगर। कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के अपने चार दिवसीय दौरे पर हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सोमवार को जम्मू कश्मीर के बारामूला जिले में डैगर युद्ध स्मारक पहुंचे और उन्होंने कहा कि यह स्मारक देश की रक्षा और सुरक्षा के लिए प्राण न्योछावर करने वाले सैनिकों के प्रति असीम सम्मान का प्रतीक है। कोविंद का कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए सोमवार को लद्दाख के द्रास में युद्ध स्मारक जाने का कार्यक्रम था लेकिन खराब मौसम के चलते उनका यह दौरा रद्द कर दिया गया। उन्होंने बारामूला में कारगिल विजय दिवस के मौके पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
राष्ट्रपति ने डैगर युद्ध स्मारक में आगंतुक पुस्तिका में अपने संदेश में कहा, 'देश सैनिक और 19वीं इन्फैन्ट्री डिवीजन के अधिकारियों को सलाम करता है,जो हमारे अग्रिम मोर्चे के सैनिकों के तौर पर विपरीत मौसमी स्थितियों में हमारी सीमाओं की रक्षा करते।' अपने संदेश में राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने अदम्य साहस, वीरता और बलिदान की असाधारण कहानियां दर्ज की है। उन्होंने लिखा, 'डैगर युद्ध स्मारक देश की रक्षा और सुरक्षा के लिए प्राण न्योछावर करने वाले सैनिकों के प्रति असीम सम्मान का प्रतीक है। मुझे विश्वास है कि यह स्मारक भारत के लोगों को भारतीय सेना के उच्च मूल्यों के बारे में शिक्षा देगा और उन्हें प्रेरणा देगा। जय हिंद!'
इस दौरान जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ थे। कोविंद बारामूला दौरे के बाद गुलमर्ग के ‘हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल’ भी गए और वहां उन्होंने सैनिकों से बातचीत की। राष्ट्रपति ने ट्रेनिंग स्कूल की आगंतुक पुस्तिका में अपने संदेश में लिखा, 'गुलमर्ग के 'हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल' आना प्रसन्नता की बात है। जनरल थिमैया द्वारा स्थापित यह संस्थान युद्ध क्षेत्र में महत्वपूर्ण संस्थानों में से एक के तौर पर उभरा है' उन्होंने कहा कि वह सैनिकों से बातचीत करके प्रसन्नता का अनुभव कर रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहा, 'हमारे देश को रक्षा और सुरक्षा प्रदान करने के उनके प्रयासों में सफलता की कामना करता हूं। जय हिंद!'