नाता प्रथा का बदलता स्वरूप
जैसे-जैसे वक्त गुजरता गया अन्य प्रथाओं की तरह इस प्रथा में भी कई परिवर्तन होते चले गए। इस प्रथा के कारण समाज में लड़कियों और महिलाओं के खरीदने और बेचने के चलन को बढ़ावा मिला है। एक ओर जहां यह प्रथा अपने मनपसंद साथी को चुनने का अधिकार देती है तो वहीं आज के पुरुषवादी समाज में यह महिलाओं के नियंत्रण का भी हथियार बनती जा रही है।
पहले यह प्रथा जहां केवल गांवों में मानी जाती थी वहीं आज के वर्तमान युग में यह राजस्थान के कई कस्बो तक फैल चुकी है। वहीं इस प्रथा से हो रहें सामाजिक नुकसान को रोकने के लिए वर्तमान में पंचायतों के पास कोई भी आधिकारिक नियंत्रण नहीं है जिससे नाता प्रथा आज महिलाओं के शोषण का सबसे बड़ा हथियार बन कर सामने आ रही है।
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