नई दिल्ली। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने बंगाल की खाड़ी में चक्रवात अम्फान की स्थिति को लेकर एक तस्वीर जारी की है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक महाचक्रवात अम्फान की तीव्रता हरीकेन के श्रेणी-5 स्तर की है। नासा के सैटेलाइट जो कि भारतीय समुद्र के तट के पास से गुजरा था उसने इस तूफान की तस्वीरें भेजी जिससे इसकी तीव्रता का अंदाजा लग रहा है। नासा के मुताबिक यह तूफान 16 मई को बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व से उठा है, उष्णकटिबंधीय चक्रवात था जिसने रात में हरीकेन जैसा रूप ले लिया।
चक्रवाती तूफान अम्फान महातूफान में तब्दील हो गया है और आशंका है कि यह आज बुधवार (20 मई) की दोपहर देश के पूर्वी तट यानी बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाकों से टकराएगा। महातूफान की वजह से हवा की रफ्तार 265 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। पश्चिम-उत्तर के दीघा और बांग्लादेश के हटिया द्वीप समूह के बीच तेजी से चलने वाली हवाओं के साथ चक्रवात अम्फान, सुंदरबन के निकट की भूमि पर अपना बेहद खतरनाक असर छोड़ सकता है।
बता दें कि, मौसम विज्ञान विभाग (MET) ने पश्चिम बंगाल के लिए एक 'Orange Alert' जारी किया है और कोलकाता, हुगली, हावड़ा, दक्षिण और उत्तर 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर जिलों में इसके यकराब परिणामों की चेतावनी दी है। यह दो सालों के अंदर दूसरा मौका है जब बंगाल की खाड़ी में मानसून के पहले इस तरह का तूफान आया है। ओडिशा ने पिछले साल ही फणी का शानदार तरीके से सामना था किया अब अम्फान के लिए भी तैयार है। अब तक 10 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा चुका है।
नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (एनडीआरएफ) के मुताबिक पश्चिम बंगाल और ओडिशा में 25 टीमों को जमीनी स्तर पर तैनात किया गया है, जबकि 12 अन्य टीमें रिजर्व में तैयार हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों एनडीआरएफ की 24 अन्य टीमें भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। दूसरी ओर सुपर साइक्लोन के मद्देनजर भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना ने राहत और बचाव कार्यों के लिए कई जहाज और हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं। इन राज्यों में सेना और वायुसेना की यूनिट को भी आपात व्यवस्था के तौर पर रखा गया है। 1999 के सुपर साइक्लोन ने 9 हजार से अधिक लोगों की जान ले ली थी, आशंका है कि इस तूफान के तट पर आने से भारी तबाही मच सकती है।
आगे आने वाले तूफानों के ये होंगे नाम
अम्फान को 'उम-पन' भी कहा जाता है जिसका मतलब आसमान है। इसको साल 2004 में थाईलैंड ने नाम दिया था। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इसके बाद आने वाले तूफानों के नाम निसर्गा, (बांग्लादेश का सुझाया नाम), गति (भारत ने सुझाया है नाम), नीवर (ईरान ने रखा है नाम), बुरेवी (मालदीव का रखा नाम), तौकटे, (म्यांमार का रखा नाम) और यास (ओमान का रखा नाम) होगा। अम्फान चक्रवाती तूफान को विशाखपत्तनम स्थित डॉप्लर मौसम रडार द्वारा ट्रैक किया जा रहा है।