Highlights
- मोदी जी की सरकार ने सरकारी खरीद को लगभग दोगुना किया- तोमर
- प्रधानमंत्री चाहते थे कि किसानों के जीवन में जो बंदिशें हैं उनको खोला जाए- तोमर
- प्रधानमंत्री का निर्णय उनके बड़प्पन और किसानों की भावनाओं के प्रति संवेदनशीलता का परिचायक- तोमर
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि कानूनों के वापसी की घोषणा पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने लगातार इस बात का प्रयास किया था कि इन सुधारों के बाद देश के कृषि क्षेत्र में लाभ आए, लेकिन कुछ ऐसी परिस्थितियां बनी जिसके कारण कुछ किसानों को आपत्ति दिखाई देती थी। हमने उनको समझाने का प्रयास किया लेकिन हम सफल नहीं हुए, इसलिए प्रधानमंत्री मोदी जी ने आज गुरु पर्व पर इन कानूनों को रद्द करने का फैसला किया है जिसका हम स्वागत करते हैं।
कृषि मंत्री ने कहा, ''नई योजनाएं आरंभ की गई जिनका लाभ आज किसानों को मिल रहा है। कई सालों से प्रतीक्षा थी कि एमएसपी को लागत पर 50 प्रतिशत बढ़ाकर घोषित किया जाए, प्रधानमंत्री जी ने यह निर्णय किया, इसका लाभ किसानों को मिल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार ने सरकारी खरीद को लगभग दोगुना किया, पहले गेहूं और धान की ही खरीद होती थी लेकिन मोदी जी की पहले बाद कपास दलहन तिलहन और मोटे अनाज की भी खरीद शुरू हुई है। देशभर में छोटे किसानों को आय सहायता देने के रूप में पीएम किसान सम्मान निधी योजना घोषित की गई, 1.62 लाख करोड़ रुपए इस योजना के माध्यम से किसानों की जेब में पहुंचाने का काम किया गया।''
उन्होंने कहा, ''फसल लोन की तरफ अगर हम ध्यान दिया गया, तो पिछले 7 सालों में इसे दोगुना किया गया है। किसान क्रेडिट कार्ड के कवरेज को भी बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं, नीम कोटिंग यूरिया हो चाहे मृदा स्वास्थ कार्ड का फैसला हो इन सभी कार्यों से खेती को लाभ मिला है। प्रधानमंत्री चाहते थे कि किसानों के जीवन में जो बंदिशें हैं उनको खोला जाए और लंबे अध्यन के बाद कृषि कानूनों को पारित किया गया। उन कानूनों का लाभ निश्चित रूप से किसानों को मिलने वाला था, लेकिन मुझे दुख है कि इन कानूनों का लाभ देश के कुछ किसानों को समझाने में सफल नहीं हो पाए। मैं इस अवसर पर उन लोगों को भी ध्यान देना चाहता हूं जिन्होंने इन लाभों को समझाने का प्रयास किया।''
उन्होंने आगे कहा, ''प्रधानमंत्री जी ने यह भी कहा है कि जीरो बजट खेती हो, एमएसपी हो और क्रॉप विविधता का विषय हो इन सबपर एक कमेटी बनाई जाएगी जिसमें केंद्र सरकार राज्य सरकार किसान, अर्थशास्त्री उसमें रहेंगे और वह समिति अपनी रिपोर्ट देगी जो आने वाले कल में किसानी के क्षेत्र में लाभफल होगी ऐसा मुझे लगता है। प्रधानमंत्री का निर्णय उनके बड़प्पन और किसानों की भावनाओं के प्रति संवेदनशीलता का परिचायक है, मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं।''