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मोदी कैबिनेट ने दी नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर अपडेट करने को मंजूरी, जानिए क्या है NPR ?

2021 की जनगणना 1 अप्रैल 2020 से शुरू हो सकती है। केंद्र सरकार 2021 की जनगणना और नेशनल पापुलेशन रजिस्टर को अपडेट करने का फैसला लेने की तैयारी में है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 24, 2019 23:54 IST
Modi Cabinet- India TV Hindi
Image Source : PTI PHOTO Modi Cabinet

नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने आज 2021 की जनगणना और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर को अपडेट करने को मंजूरी दे दी है। 2021 की जनगणना 1 अप्रैल 2020 से शुरू हो सकती है। बता दें कि 2010 में पहली बार एनपीआर तैयार करने का फैसला हुआ था। 2011 की जनगणना के साथ एनपीआर लागू किया गया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस एनपीआर के लिए प्रत्येक व्यक्ति के बारे में 15 जानकारियां जुटाई जाएंगी। जिसमें व्यक्ति के नाम, माता पिता, लिंग, जन्म, शैक्षणिक स्थिति, पता आदि शामिल हैं। पिछली बार की तुलना में इस बार कुछ व्यापक जानकारी भी मांगी जा सकती हैं। दरअसल एनपीआरजनगणना का हिस्सा है। जनगणना से पहले अपडेट किया जाता है। पहली बार 2010 में एनपीआर रजिस्टर तैयार हुआ था। 10 साल बाद फिर अपडेट हो रहा है।  

कुछ नई जानकारियां जोड़े जाने का प्रस्ताव

नागरिकता संशोधन कानून के बाद अब सरकार नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर को अपडेट करने की तैयारी कर रही है। सरकार को 2021 तक जनगणना के पूरे आंकड़े जुटाने है इसी वजह से नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर यानि NPR पर आज केबिनेट की बैठक में चर्चा हो सकती है। NPR में भारत के निवासियों से 15 जानकारी मांगी जाएगी और जनगणना के डाटाबेस को अपडेट किया जाएगा। इन आंकड़ो पर अगले साल अप्रैल से काम शुरु होना है। आपको बता दें कि NPR में मांगी गई जानकारी के लिए किसी भी दस्तावेज़ की ज़रूरत नहीं है। 

एनपीआर का शुरू हुआ विरोध 

एनपीआर पर काम अगले साल अप्रैल से शुरू होगा लेकिन अभी से कुछ राजनैतिक दलों ने इसका विरोध करना शुरु कर दिया है। एमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने ये कहते हुए पॉपुलेशन रजिस्टर का विरोध किया है कि इससे NRC की शुरुआत हो जाएगी। बंगाल और केरल नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर का भी विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि सरकार एनपीआर के जरिए लोगों की निजी जानकारियां जुटा रही है। 2020 तक असम को छोड़कर इसे हर राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश में लागू करना है। 

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के लिए क्या क्या पूछा जाएगा ? 

व्यक्ति का नाम क्या है। परिवार के मुखिया से उसका संबंध क्या है। माता-पिता का नाम, वैवाहिक स्थिति, शादीशुदा होने पर पति/पत्नी का नाम, लिंग, जन्म स्थान, नागरिकता, वर्तमान पता, पते पर रहने की अवधि, स्थायी पता, पेशा और शैक्षणिक स्थिति की भी जानकारी देनी होगी। कुछ और बातें पूछी जा सकती हैं जैसे पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और आधार से जुड़ी जानकारियां भी मांगी जा सकती हैं। ये भी पूछा जाएगा कि आप जहां रह रहे हैं वहां क्या छह महीने से रह रहे हैं और क्या आगे 6 महीने तक रहने की संभावना है ?

रजिस्टर की मौजूदा स्थिति क्या है  

2011 जनगणना के लिए 2010 में डेटा जमा किया गया था 

2015 में घर-घर जाकर सर्वे अपडेट किया गया 
अपडेट जानकारी का डिजिटलाइजेशन हो चुका है  
2021 जनगणना के साथ इसे अपडेट किया जाएगा 
2020 में असम को छोड़कर इसे अपडेट किया जाएगा 

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