नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रिपरिषद की मैराथन बैठक की यह शुक्रवार शाम को शुरु हुई और शनिवार को दिनभर चली। इस बैठक में अलग-अलग विभागों को एक ग्रुप बनाकर सचिवों ने प्रजेंटेशन दिया। इस बैठक में एक जैसी प्रकृति वाले विभागों को एक ग्रुप में रखा गया। संसाधनों के ग्रुप में ऊर्जा, जल शक्ति, इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित विभाग है। इस बैठक में गवर्नेंस पर भी प्रजेंटेशन दी गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैठक में कहा कि सुधारों पर लगातार जोर दें और समन्वय और पारदर्शिता से काम करें। इस मैराथन बैठक में वर्ष 2020, 2022 और 2024 तक तीन टारगेट सेट किए गए। बैठक में पेट्रोलियम, कार्मिक विभाग, कानून, आईटी जैसे मंत्रालयों पर भी चर्चा की गई। इसके बाद अब मंत्रिपरिषद की यह बैठक 7 और 8 जनवरी को फिर होगी।
प्रधानमंत्री ने अगले पांच बरसों के लिए अहम मंत्रालयों के लिए एक कार्य योजना को अंतिम रूप देने की कवायद के तहत यह किया है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने शासन, प्रौद्योगिकी और संसाधनों जैसे विषयों पर शीर्ष नौकरशाहों की बातें सुनी। उन्होंने बताया कि सचिवों की विभिन्न समितियों द्वारा दी गई प्रस्तुति पर बैठकों के दौरान प्राप्त सुझावों के आधार पर सरकार अगले पांच साल के लिए विभिन्न मंत्रालयों के लिए एक कार्ययोजना को अंतिम रूप देगी।
मंत्रालयों को कृषि, स्वास्थ्य, शासन और प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में बांटा गया है ताकि नीतियों को तेजी से और बेहतर तरीके से लागू किया जा सके। यह कार्य योजना शासन के लिए और कहीं अधिक व्यवस्थित तरीके से विकास करने के लिए नीतियों को लागू करने में तथा नीतियों के बेहतर क्रियान्वयन में मदद करेगी। सूत्रों ने बताया कि इस समीक्षा कार्य को पूरा करने के लिए आने वाले हफ्ते में मंत्रिपरिषद की और भी बैठक हो सकती है। हर महीने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद आमतौर पर मंत्रिपरिषद की बैठक होती है। लेकिन पिछले तीन मौकों पर बैठकें स्वतंत्र रूप से हुईं।