औरंगाबाद/चंडीगढ़: महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थित हुजूर साहिब गुरुद्वारे को शुक्रवार को प्रशासन ने सील कर दिया। वहीं,महाराष्ट्र से पंजाब आए 91 और श्रद्धालुओं के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। उल्लेखनीय है कि पंजाब सरकार के आंकड़ों के मुताबिक नांदेड़ स्थित हुजूर साहिब से लौटे करीब 3,500 श्रद्धालुओं में कम से कम 197 के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। पंजाब में कोरोना वायरस संक्रमण के सामने आए 105 नये मामलों में अधिकतर नांदेड़ से लौटे श्रद्धालु हैं। पंजाब में कोरोना वायरस से संक्रमित कुल 585 मामलों में 197 यानि एक तिहाई का संबंध नांदेड़ के श्रद्धालुओं से हैं। वहीं, राज्य में जिन लोगों का कोविड-19 का इलाज चल रहा है उनमें 40 प्रतिशत नांदेड़ से आए श्रद्धालु हैं। पंजाब में अबतक 20 लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हुई है।
अधिकारियों ने बताया कि नांदेड़ से पड़ोसी राज्य हरियाणा आए 18 श्रद्धालुओं को पृथकवास में रखा गया है। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से पंजाब के करीब चार हजार सिख श्रद्धालु महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थित हुजूर साहिब गुरुद्वारे में फंस गए थे। नांदेड़ में अधिकारियों ने बताया कि गुरुद्वारा परिसर में मौजूद लंगर साहिब में जहां पर सभी श्रद्धालुओं को खाना परोसा जाता था उसे भी बंद कर दिया गया है। मामले पर बात करते हुए गुरुद्वारे के प्रबंधक गुरविंदर सिंह वाधवा ने कहा, '' आज सुबह जिला और निगम प्रशासन के अधिकारी गुरुद्वारा आए और इसे बंद करने के साथ ही लंगर सेवा भी रोके जाने का निर्देश दिया।''
गुरुद्वारे के पदाधिकारी ने बताया कि श्रद्धालु देश के सर्वाधिक प्रभावित मध्य प्रदेश के इंदौर और राजस्थान के भीलवाड़ा और हनुमानगढ़ और पंजाब के ही बठिंडा होते हुए पंजाब पहुंचे थे। लंगर साहिब के बाबा बलविंदर सिंह ने कहा कि अभी भी विभिन्न राज्यों के करीब 175 लोग परिसर में मौजूद हैं। पंजाब में शिरोमणि अकाली दल ने अमरिंदर सिंह से कहा कि वह नांदेड़ से श्रद्धालुओं की वापसी में हुए कुप्रबंधन के लिए सिख समुदाय से माफी मांगें। अकाली दल नेता सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब के स्वाथ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू को श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम रहने की वजह से मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की।
सिख धर्म से जुड़े मामलों की सर्वोच्च संस्था अकाल तख्त के प्रमुख जत्थेदार हरप्रीत सिंह ने इस घटना की तुलना मुस्लिम समुदाय की छवि खराब करने से की है जो कथित रूप से दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के कार्यक्रम से लौटने वाले लोगों से कोरोना वायरस फैलने के बाद हुई थी। सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘यह प्रचारित किया जा रहा है कि तख्त श्री हुजूर साहिब कोरोना वायरस का घर था और ये लोग (वहां से आए श्रद्धालु) अपने साथ इसे पंजाब लेकर आए हैं।’’ सिख धार्मिक नेता ने कहा, ‘‘ यह बहुत बड़ी साजिश है।’’ उन्होंने कहा कि पृथक-वास में व्यवस्था को लेकर शिकायत आ रही हैं। साथ ही मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से इसे दुरूस्त करने को कहा है।
अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘‘ अमृतसर का वीडियो सामने आया है जिसमें कुछ महिलाएं पीने का पानी नहीं मिलने की शिकायत कर रही हैं। कुछ को उनकी भावनाओं के विपरीत डेरा में रखा गया है। यह सरकार के गैरजिम्मेदाराना रुख को दिखाता है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार को पृथक-वास में रखे गए श्रद्धालुओं के खाने और रहने की व्यवस्था करने के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) से संपर्क करना चाहिए। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने लोगों से कहा कि राज्य में अचानक कोविड-19 के मामले बढ़ने से घबराएं नहीं क्योंकि अधिकतर नये मामले दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की वजह से हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार बाहर से आने लोगों को पहले ही 21 दिनों के पृथक-वास में रखने का आदेश जारी कर चुकी है।