नई दिल्ली: अहमदाबाद जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (डीसीसीबी) बैंक में नोटबंदी के दौरान भारी मात्रा में पुराने नोट जमा होने की खबरों के बीच नाबार्ड ने आज कहा कि नोटों की मात्रा बैंक के आकार के हिसाब से ठीक है और बैंक ने ‘KYC’ संबंधी सभी प्रावधानों का पालन भी किया। सहकारी बैंकों के विनियामक राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की यह सफाई ऐसे समय में आयी है जब अहमदाबाद डीसीसीबी में नोटबंदी के दौरान असामान्य रूप से भारी मात्रा में पुराने नोट जमा होने की खबरें सामने आयी हैं।
नाबार्ड ने बयान में कहा, ‘‘अहमदाबाद डीसीसीबी के कुल 17 लाख खातों में से महज 1.60 लाख खातों में पुराने नोट जमा किये गये या बदले गये जो सभी जमा खातों का महज 9.37 प्रतिशत है।’’ इन खातों के 98.94 प्रतिशत खातों में 2.5 लाख रुपये से कम राशि जमा करायी गयी। नाबार्ड द्वारा किये गये सत्यापन में पता चला कि अहमदाबाद डीसीसीबी में औसतन 46,795 रुपये प्रति खाता पुराने नोट जमा कराये गये जो गुजरात के 18 डीसीसीबी में जामा नोटों के औसत से कम है।
नाबार्ड ने कहा कि 10-14 नवंबर 2016 के दौरान 1.60 लाख उपभोक्ताओं ने बैंक में 746 करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा कराये या बदले जो कि बैंक के कुल जमा का महज 15 प्रतिशत है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि नाबार्ड को यह जानकारी छिपाने के लिए बयान जारी करने को मजबूर किया गया कि नोटबंदी के समय उस सहकारी बैंक में पांच दिनों के भीतर करीब 746 करोड़ रुपये जमा कराए गए। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कहा कि प्रधानमंत्री इस पूरे मामले की जांच कराएं ताकि सच्चाई सामने आ सके। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कल दावा किया था कि नोटबंदी के समय अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक में पांच दिनों के भीतर करीब 746 करोड़ रुपये जमा कराए गए।