मुंबई: नटराजन चंद्रशेखरन 21 फरवरी यानी कल देश के प्रमुख औद्योगिक घराने टाटा समूह की बागडोर संभालने जा रहे हैं। टाटा समूह के 150 साल के इतिहास में इस पद के लिए चुने जाने वाले वे पहले गैर-पारसी हैं।
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उम्मीद की जा रही है कि 54 वर्षीय चंद्रशेखरन इस औद्योगिक घराने को निदेशक मंडल में हाल ही में मचे घमासान के साये से निकालते हुए भविष्य की विकास की राह पर ले जाएंगे।
चंद्रशेखरन को देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनी टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज (टीसीएस) को उस मुकाम पर पहुंचाने का श्रेय जाता है जिस पर आज वह है। वे टाटा समूह की अनेक परिचालन कंपनियों की प्रवर्तक फर्म टाटा संस के नये चेयरमैन होंगे। उन्हें 12 जनवरी को टाटा संस का चेयरमैन नियुक्त किया गया।
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चंद्रशेखरन ने पिछले सप्ताह ही कहा था कि नयी जिम्मेदारी बहुत बड़ा काम है जहां अनेक चुनौतियों व अवसर हैं। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि नये पद पर वे कुछ अलग कर पाएंगे। इस पद पर चंद्रशेखर के समक्ष पहली सबसे बड़ी चुनौती समूह की इस्पात कंपनी टाटा स्टील के यूरोपीय परिचालन को लेकर है।