कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार के कब्जे में मौजूद नेताजी से जुड़ी 64 सीक्रेट फाइलों को आज सार्वजनिक कर दिया गया। ये फाइलें आज नेताजी के परिवार को सौंप दी गईं। ये फाइलें 1937 से 1947 के बीच की हैं और इनमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस की रहस्यमयी गुमशुदगी से जुड़े राज दर्ज हैं। ये फाइलें अब तक पश्चिम बंगाल पुलिस के पास थीं और इन्हें आज से कोलकाता पुलिस म्यूजियम में जनता को देखने के लिए रखा जाएगा। इन फाइलों के सार्वजनिक होने से शायद उस रहस्य से पर्दा उठा सके कि क्या कम से कम 1964 तक नेताजी जिंदा थे?300 पेज तक की इन फाइलों में सीक्रेट लेटर्स से लेकर हाथों से लिखें ऐसे कई कागजात भी हैं जो उनके भाई शरत चंद्र बोस और सुभाष चंद्न बोस ने एक-दूसरे को लिखे थे।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबरों के मुताबिक, इनमें से कुछ डॉक्युमेंट्स ऐसे हैं जो नेताजी की मौत पर गंभीर सवाल खड़े कर सकते हैं। अखबार ने दावा किया है कि इन फाइलों में ऐसे सबूत हैं जिनसे यह पता चलता है कि नेताजी कम से कम 1964 तक तो जीवित थे। फाइलों में 1960 के दशक में तैयार की गई एक अमेरिकी रिपोर्ट में भी है। जिसमें बताया गया है कि नेताजी फरवरी 1964 में भारत लौटे थे।
ब्रिटिश सरकार भी इस बात को लेकर पूरे वक्त संशय में बनी रही थी कि नेताजी जिन्दा हैं या नहीं, क्योंकि उसकी सुरक्षा ऐजेंसियां पूरी कोशिशों के बावजूद भी इस बारे में कोई सुबूत नहीं जुटा पाई थी। अंततः सरकार यह मानने लगी थी कि नेताजी चीन या रूस भाग गए हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय अबतक नेताजी से जुड़ी गोपनीय फाइलें सार्वजनिक करने से रोकते रहे हैं। ये फाइलें नेताजी के गायब होने की कहानी पर नई रोशनी डाल सकती हैं।