Highlights
- करीब 20 महीने के बाद श्रद्धालुओं करतारपुर कॉरिडोर फिर से खुल रहा है।
- पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कॉरिडोर खोले जाने के लिए PM मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद किया है।
- ऐसा माना जाता है कि सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव जी ने करतारपुर में ही देह का त्याग किया था।
चंडीगढ़: करीब 20 महीने के बाद श्रद्धालुओं करतारपुर कॉरिडोर फिर से खुल रहा है और गुरुवार को करतारपुर गुरुद्वारे में मथा टेकने के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना होगा। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि श्रद्धालुओं के पहले जत्थे में उनकी पूरी कैबिनेट शामिल होगी और करतारपुर गुरुद्वारे में जाकर मत्था टेकेगी। 19 नवंबर को देशभर में गुरु नानक देव जयंती मनाई जा रही है और उससे पहले ही केंद्र सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर को श्रद्धालुओं के लिए खोलने की घोषणा कर दी है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कॉरिडोर खोले जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद किया है।
केंद्र सरकार ने आज ही घोषणा की है कि 17 नवंबर से करतारपुर यात्रा के लिए पंजीकरण शुरू हो जाएगा और 18 नवंबर को पहला जत्था दर्शन के लिए कॉरिडोर के जरिए करतारपुर जाएगा। कोरोना की वजह से पिछले साल मार्च से करतारपुर कॉरिडोर को बंद कर दिया गया था और लगभग 20 महीने के बाद फिर से इस कॉरिडोर को खोला जा रहा है।
ऐसा माना जाता है कि सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव जी ने करतारपुर में ही देह का त्याग किया था। उसी जगह पर गुरुद्वारा बनाया गया है और 1947 में भारत तथा पाकिस्तान के बीच हुए बंटवारे में वह भाग पाकिस्तान में चला गया था। 2019 में भारत से करतारपुर गुरुद्वारे तक एक कॉरिडोर का निर्माण किया गया है जिसके जरिए भारत से श्रद्धालु करतारपुर में जाकर गुरुद्वारे में मत्था टेकते हैं।