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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड: ब्रजेश का था राजनीति में दखल, मंत्री को देना पड़ा था इस्तीफा

बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले में दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को अहम फैसला सुनाते हुए एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के मालिक ब्रजेश ठाकुर सहित कुल 19 लोगों को दोषी करार दिया है।

Reported by: IANS
Published : January 20, 2020 19:44 IST
Brajesh Thakur
Image Source : PTI main accused in the Muzaffarpur shelter home case Brajesh Thakur

पटना: बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले में दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को अहम फैसला सुनाते हुए एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के मालिक ब्रजेश ठाकुर सहित कुल 19 लोगों को दोषी करार दिया है। इस फैसले का बिहार के कई राजनीति दलों ने स्वागत किया है, मगर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अभी भी कई सवालों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। अदालत द्वारा दोषी पाए जाने के बाद यह तय है कि ब्रजेश ठाकुर को कठोर सजा मिलेगी, लेकिन ब्रजेश की कभी सत्ता तक हनक और धमक थी।

सत्ता में इसकी हनक का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब यह मामला सामने आया था, तब बिहार के तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा था। मुजफ्फरपुर से लेकर पटना की राजनीतिक गलियारों तक में ब्रजेश की पहुंच थी। कहा जाता है कि ब्रजेश ठाकुर 'प्रात:कमल' नाम से अपना एक अखबार चलाया करता था, जिसके सिलसिले में वह मंत्रियों और अधिकारियों से मिलता था और उनसे संपर्क बनाता था। ब्रजेश के अखबार को सरकारी विज्ञापन भी खूब मिलता था।

दिल्ली के साकेत कोर्ट ने मुजफ्फरपुर जिला स्थित एक आश्रय गृह में लड़कियों के साथ यौन शोषण मामले में यह फैसला सुनाया है। ठाकुर सेवा संकल्प एवं विकास समिति नामक एनजीओ के मालिक ब्रजेश को भी दोषी पाया गया है। एक चिकित्सा परीक्षण में आश्रय में रहने वाली 42 लड़कियों में से 34 के यौन शोषण की पुष्टि हुई थी। इस मामले में 31 मई, 2018 को 12 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

अदालत का फैसला आने के बाद भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि दोषियों को कठोर सजा मिलेगी। उन्होंने कहा कि आज स्पष्ट हो गया है कि कानून के हाथ काफी लंबे होते हैं। इधर, जद (यू) के प्रवक्ता राजीव रंजन ने भी अदालत के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई अधिकारी दोषी पाया जाएगा, तो उसे भी सजा मिलेगी।

इधर, राजद के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सवालिया लहजे में ट्वीट किया, "आखिरकार नीतीश कुमार जी के परम शिष्य ब्रजेश ठाकुर को मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म कांड में दोषी पाया गया। लेकिन वो मूंछ और पेट-तोंद वाले अंकल कहां छुपा दिए गए? फिर तत्कालीन मंत्री मंजू वर्मा को क्यों बर्खास्त किया गया था? बाकी एनजीओ संचालकों का क्या हुआ? नीतीश जी जवाब दें।"

उल्लेखनीय है कि ब्रजेश ने वर्ष 1987 में सेवा संकल्प एवं विकास समिति के नाम से एनजीओ की स्थापना की। वर्ष 2013 में इसी एनजीओ को बालिका गृह के रखरखाव की जिम्मेदारी मिली थी।

बिहार सरकार ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) द्वारा बालिका गृह का सर्वेक्षण करवाया गया। बिहार सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में टिस ने मुजफ्फरपुर आवास गृह में यौन शोषण का खुलासा किया। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद ब्रजेश पर शिकंजा कसने लगा। उससे जुड़े अधिकारियों और नेताओं में हड़कंप मच गया।

उस समय की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति के साथ भी ब्रजेश ठाकुर का नाम जुड़ा, जिसके बाद मंजू वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा। ब्रजेश विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुका है, लेकिन हार गया था।

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