जम्मू: जम्मू क्षेत्र के ज्यादातर हिस्सों में रविवार को पाबंदियों में छूट दिये जाने के बाद मुसलमानों ने ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मनाई, हालांकि निषेधाज्ञा लगे रहने के कारण प्रशासन ने इस अवसर पर कोई बड़ा जुलूस निकालने की इजाजत नहीं दी। सीमावर्ती जिले पुंछ और कुछ संवेदनशील क्षेत्रों को छोड़ कर लोगों को सुगमता से आने-जाने की सुविधा देने के लिये पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने सुबह ही सड़कों से नाकेबंदी और कंटीले तार हटा लिए थे।
अयोध्या पर फैसले के मद्देनजर प्रशासन ने शुक्रवार आधी रात के बाद से ही समूचे जम्मू कश्मीर में धारा 144 लगा दी थी जिससे अधिकांश इलाकों में कर्फ्यू जैसी स्थिति नजर आ रही थी। अधिकारियों ने कहा कि दिन के शांतिपूर्वक गुजरने के बाद शनिवार देर शाम लोगों की आवाजाही पर लगी रोक हटा दी गई। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा के बाद जम्मू क्षेत्र से निषेधाज्ञा को भी हटाया जा सकता है।
अधिकारियों ने हालांकि कहा कि पुंछ जिले में रविवार को दूसरे दिन भी पाबंदियां लगी हुई हैं और यहां पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों की भारी तैनाती की गई है। जम्मू, किश्तवाड़ और रामबन जिले में संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बलों ने नाकेबंदी की।
अधिकारियों ने कहा कि राजौरी जिले में विशाल मिलाद जुलूस की मंजूरी दी गई लेकिन इसके अलावा सिखों के ‘नगर कीर्तन’ समेत किसी भी बड़े धार्मिक जुलूस को अधिकारियों ने कहीं इजाजत नहीं दी। अधिकारियों ने हालांकि कहा कि मुस्लिम और सिख श्रद्धालुओं को क्रमश: मस्जिदों और गुरुद्वारों में जुटने की इजाजत थी और श्रद्धालुओं ने अपने-अपने मुहल्लों में छोटे जुलूस निकाले लेकिन उन्हें मुख्य मार्ग पर आने की इजाजत नहीं दी गई थी।