पटना: बिहार में राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम्' को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। दरअसल, सूबे के कटिहार जिले में गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के मौके पर एक प्राइमरी स्कूल के शिक्षक ने राष्ट्रगीत गाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया और शिक्षक के साथ हाथापाई की। राष्ट्रगीत न गाने की वजह के बारे में बोलते हुए स्कूल के प्रभारी प्राचार्य अफजल हुसैन ने कहा कि उनके मजहब में सिर्फ अल्लाह की इबादत की इजाजत है, जबकि वंदे मातरम् का मतलब है ‘भारत की पूजा करना’।
आपको बता दें कि यह घटना कटिहार जिले के मनिहारी अनुमंडल के अब्दुल्लापुर प्राथमिक विद्यालय की है। अफजल हुसैन यहीं के प्रभारी प्राचार्य हैं। अफजल ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रगीत गाने से इनकार कर दिया था, हालांकि उन्होंने ध्वजारोहण और अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इसके पीछे अफजल ने दलील दी थी कि उन्होंने वन्दे मातरम इसलिए नहीं गया क्योंकि यह उनकी धार्मिक मान्यता के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ अल्लाह को मानते हैं इसलिए किसी और की इबादत नहीं कर सकते।
अफजल ने कहा, 'हम अल्लाह की इबादत करते हैं और वंदे मातरम का मतलब होता है भारत की वंदना, जो हमारे धार्मिक विश्वासों के खिलाफ है। संविधान भी नहीं कहता कि यह गाना अनिवार्य है।' अफजल द्वारा गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रगीत न गाने के कारण ग्रामीण नाराज हो गए थे और उन्होंने उनके साथ हाथापाई की थी। वहीं, इस मसले पर बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा ने कहा, 'अगर ऐसी कोई घटना हुई है तो कार्रवाई की जाएगी। राष्ट्रगीत का अपमान किसी भी तरह से क्षम्य नहीं है।'