नई दिल्ली: अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए बातचीत से रास्ता तलाशने की कोशिशें तेज हो गई हैं। इन्हीं कोशिशों के तहत शिया और सुन्नी धर्मगुरुओं ने अयोध्या में हिंदु साधु संतों से बातचीत की है। जानकी घाट बड़ा स्थान के महंत जनमेजय महाराज शिया धर्मगुरु और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कल्बे जव्वाद तो वहीं सुन्नी धर्मगुरु और लखनऊ की टीले वाली मस्जिद के इमाम मौलाना अब्दुल मन्नान महंत जनमेजय महाराज के बीच इस संबंध में बातचीत हुई। ये भी पढ़ें: ‘तीन दिन बाद यानी 23 सितम्बर को धरती से टकराएगा ग्रह, वो होगा विनाश का दिन’
ये पहला मौका था जब शिया और सुन्नी धर्मगुरु अयोध्या में हिंदू धर्मगुरु के साथ बैठे और राम मंदिर विवाद को सुलझाने पर बात की। अयोध्या में राम मंदिर का विवाद भले ही सुप्रीम कोर्ट में है लेकिन हिंदू और मुस्लिम समाज के धर्मगुरु पूरे विवाद का ऐसा फार्मूला निकालने में लगे हैं जो हर किसी को स्वीकार हो। इस फॉर्मूला में मुस्लिम धर्मगुरु विवादित जगह पर राम मंदिर का निर्माण शामिल है।
मुस्लिम धर्मगुरुओं से मुलाकात के बाद महंत जनमेजय महाराज ने भी कहा कि मंदिर निर्माण को लेकर अब उम्मीद बढ़ रही है। महंत ने कहा कि विवादित जगह पर मंदिर और अयोध्या में मुस्लिम आबादी की तरफ मस्जिद बनने से उन्हें कोई दिक्कत नहीं है।
अयोध्या में एक तरफ बातचीत का दौर जारी है तो दूसरी तरफ राम मंदिर के लिए पत्थर पहुंचने का सिलसिला भी जारी है। राजस्थान से पत्थर की एक और खेप मंगलवार को अयोध्या पहुंची। दो ट्रकों से आए इन पत्थरों पर राम लिखा हुआ है जिन्हें अयोध्या के कारसेवकपुरम की वर्कशॉप में रखा गया है। यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद छह महीने के भीतर अब तक बारह ट्रक पत्थर अयोध्या लाए जा चुके हैं।
हिंदू धर्मदगुरुओं से लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं तक हर किसी को उम्मीद है कि बातचीत से विवाद का हल निकलेगा और राम मंदिर का निर्माण शुरू होगा। हालांकि राम मंदिर विवाद के मुद्दई इकबाल अंसारी ने साफ किया कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले कुछ नहीं हो सकता।