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'मम्मी-डैडी और पप्पू को आइसक्रीम के लिए मिलेगी ज्यादा जगह', सेंट्रल विस्टा की खूबी बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी

सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बाद केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना को लेकर एक गलत विमर्श गढ़ा जा रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह “व्यर्थ परियोजना” नहीं, बल्कि एक आवश्यकता है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : June 01, 2021 14:38 IST
Mummy Daddy Pappu can have ice cream in more space once Central Vista Avenue redevelopment completed
Image Source : PTI 'मम्मी-डैडी और पप्पू को आइसक्रीम के लिए मिलेगी ज्यादा जगह', सेंट्रल विस्टा की खूबी बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी

नई दिल्ली. सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंट्रल विस्टा परियोजना के निर्माण कार्य को जारी रखने की अनुमति दी थी और इसे राष्ट्रीय महत्व की एक ‘‘अहम एवं आवश्यक’’ परियोजना बताया था, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा था। आज हरदीप सिंह पुरी ने चुटकी लेते हुए एक ट्वीट किया और कहा कि सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का पुनर्विकास पूरा होने के बाद मनोरंजन के लिए और मम्मी, डैडी और पप्पू के आइसक्रीम खाने के लिए और भी जगह होगी।

सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बाद केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना को लेकर एक गलत विमर्श गढ़ा जा रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह “व्यर्थ परियोजना” नहीं, बल्कि एक आवश्यकता है। इस परियोजना के विरुद्ध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुली चिट्ठी लिखने वाले 60 पूर्व नौकरशाहों पर निशाना साधते हुए पुरी ने कहा, ‘‘वे पढ़े-लिखे बेवकूफ नहीं, बल्कि देश के लिए बदनामी हैं।’’

उन्होंने कहा कि 2012 में तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के विशेष कार्य अधिकारी ने नए संसद भवन के लिए केंद्रीय शहरी विकास सचिव को पत्र लिखा था और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने भी नए भवन की पैरवी की थी। पुरी ने कहा कि 2012 में कहा गया था कि नए संसद भवन की जरूरत है लेकिन 2021 में ये 60 पूर्व नौकरशाह कह रहे हैं कि सरकार ‘अंधविश्वास के चलते’ नया भवन बना रही है।

उन्होंने कहा कि नए प्रधानमंत्री आवास के लिए किसी डिजाइन को अंतिम रूप नहीं दिया गया है और सिर्फ दो परियोजनाओं- संसद भवन व सेंट्रल विस्टा एवेन्यू – का काम करीब 1300 करोड़ रुपये की लागत से फिलहाल चल रहा है। विपक्ष पर निशाना साधते हुए केंद्रीय आवासन एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि केंद्रीय परियोजना को लेकर झूठा विमर्श गढ़ा जा रहा था और किसी भी विरासत इमारत को “छुआ” नहीं जाएगा।

आपको बता दें कि कल मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान परियोजना रोके जाने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह किसी मकसद से ‘‘प्रेरित’’ थी और ‘‘वास्तविक जनहित याचिका’’ नहीं थी। अदालत ने याचिकाकर्ताओं पर एक लाख रुपए जुर्माना लगाया। परियोजना के तहत एक नए संसद भवन और एक नए आवासीय परिसर के निर्माण की परिकल्पना की गई है, जिसमें प्रधानमंत्री और उप-राष्ट्रपति के आवास के साथ-साथ कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालयों के कार्यालयों के लिए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण होना है।

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