मुंबई: मुंबई में हुए हादसे को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। साल 2016 में तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ब्रिज के लिए बजट पास कर दिया था। उन्होंने साढ़े 9 करोड़ रुपए का बजट पास किया था लेकिन रेलवे ने अब तक टेंडर की प्रक्रिया शुरू नहीं की थी। बता दें कि आज हादसा हो जाने के बाद रेलवे ने टेंडर की प्रक्रिया शुरू की है।
शिवसेना ने प्रभु को लिखा था लेटर
शिवसेना ने एलिफिस्टन ब्रिज की चौड़ाई बढ़ाने के लिए पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु को चिट्ठी लिखी थी। शिवसेना के मुताबिक उनके दो सांसदों ने 2015 ब्रिज को चौड़ा करने के लिए तत्कालीम रेल मंत्री सुरेश प्रभु को चिट्ठी लिखी थी जिसमें साफ-साफ लिखा गया था कि एलिफिस्टन ब्रिज को जल्द से जल्द चौड़ा किया जाए।
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इस चिट्ठी का प्रभु ने जवाब दिया था जिसमें उन्होंने लिखा था कि पिछले एक साल के दौरान रेल मुसाफिरों की सहूलियत के लिए रंलवे ने कई नए प्रोजेक्ट शुरू किए हैं। सुरेश प्रभु ने फंड की कमी और ग्लोबल मंदी का हवाला देकर कहा था कि आपकी मांग जायज है लेकिन अभी फंड नहीं है लिहाज़ा ये अभी मुमकिन नहीं है।
प्रभु के कार्यकाल में मिली थी मंजूरी
इसी पर केंद्र सरकार ने सफाई देते हुए कहा कि नए फुटओवर ब्रिज के निर्माण के लिए साल 2016 में ही तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने मंजूरी दे दी थी और इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया अभी चल रही है।
हादसे का ज़िम्मेदार कौन ?
गौरतलब है कि मुंबई में परेल के एलफिंस्टन ब्रिज पर भगदड़ मचने से 22 लोगों की मौत हो गई है जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हैं। किसी को अनुमान भी नहीं था कि बाहर हो रही बारिश से बचने के लिए ब्रिज के नीचे खड़े होंगे तो मौत आ जाएगी। ब्रिज बहुत छोटा था। लोग इतने ज्यादा हो गये कि कोई अपनी जगह से हिल भी नहीं पा रहा था और फिर वो हो गया जो किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था।
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