नई दिल्ली: पत्रकार जेडे मर्डर केस में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन समेत 9 लोग दोषी करार दिए गए हैं। मुंबई की विशेष मकोका अदालत ने आज यह फैसला सुनाते हुए सभी दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।। पत्रकार जिग्ना वोरा समेत 2 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। बता दें कि 11 जून 2011 को मुंबई के पवई में पत्रकार ज्योतिर्मय डे का मर्डर हुआ था जिसमें डी कंपनी गैंग का छोटा राजन मुख्य आरोपी है।
करीब साढ़े सात साल से चली लंबी जांच और सुनवाई के बाद आज पत्रकार जे डे के परिवार और उनके चाहने वालों को उम्मीद है कि अदालत से जे डे को इंसाफ मिलेगा और सभी आरोपियों को सख्त से सख्त सज़ा मिलेगी। पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या मुंबई के पवई इलाके में तब हुई थी जब वो हर रोज़ की तरह दोपहर के वक्त घाटकोपर से अपनी मां से मुलाकात कर पवई में लौट रहे थे।
किसी खतरे से अनजान जेडे अपनी बाइक से हीरानंदानी स्थित अपने घर के काफी नजदीक पहुच चुके थे लेकिन तभी घाटकोपर से ही उनका पीछा कर रहे छोटा राजन के शूटरों ने एक के बाद एक पांच गोलियां दाग दीं। गोलियां लगने के बाद जेडे बाइक से सड़क के किनारे बने फुटपाथ पर गिर गए और उनकी घटना स्थल पर ही मौत हो गयी। आज से करीब साढ़े सात पहले पत्रकार ज्योतिर्मय डे की सनसनीखेज़ हत्या ने मीडिया, पुलिस, प्रशासन से लेकर अंडरवर्ल्ड तक को हिला कर रख दिया था। 2 मई यानि आज उसी मर्डर केस पर मुंबई की विशेष मकोका अदालत अपना फैसला सुना सकती है।
मुम्बई के पॉश इलाके पवई में वरिष्ठ पत्रकार की दिनदहाड़े हत्या से प्रशासन सकते में था। मुंबई पुलिस पर इस केस को जल्द से जल्द सुलझाने का भारी दबाव था। मुंबई पुलिस कमिश्नर ने इस मामले की जांच के लिए एक स्पेशल स्क्वाड बनाया साथ ही मुंबई क्राइम ब्रांच की तमाम यूनिट्स भी आरोपियों की तलाश में जुट गई। घटना के 15 दिनों के बाद मुंबई क्राइम ब्रांच को आरोपियों का सुराग हाथ लगा और फिर शुरू हुई गिरफ्तारियां। जांच के दौरान हत्या के पीछे जो वजह सामने आई वो बेहद चौंकाने वाली थी।
हत्यारों से पूछताछ के दौरान इस हत्या के पीछे मास्टरमाइंड छोटा राजन का नाम सामने आया
और पता चला कि जेडे द्वारा लिखे गए एक लेख से छोटा राजन बौखलाया था। इस लेख में जेडे ने छोटा राजन के बूढा होने के चलते गैंग पर उसकी पकड़ कमजोर हो रही है इसका जिक्र किया था। मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच ने कुल 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया था और दो आरोपियों को वांडेट बताया था जिसमें छोटा राजन और नयन सिंह बिष्ट शामिल था। मुंबई क्राइम ब्रांच ने कुल 5500 पन्नों की चार्जशीट फाइल की और मामले की सुनवाई शुरू हुई।
साल 2015 में छोटा राजन की गिरफ्तारी के बाद उससे जुड़े सारे मामलों को सरकार ने सीबीआई जांच के लिए सौंप दिया जिसमें पत्रकार जे डे हत्या भी शामिल थी। जे डे हत्याकांड में महिला पत्रकार जिगना वोरा पर भी गंभीर आरोप लगा है। उसी ने जेडे के बारे में छोटा राजन को जानकारी दी और राजन से दो बार बात भी की। जे डे हत्याकांड में आरोपी पत्रकार जिगना वोरा फिलहाल जमानत पर है, लेकिन आज का दिन उसके लिए काफी अहम है लेकिन आरोपियों के वकील का मानना है कि इस पूरे मामले में छोटा राजन समेत सभी लोगों को जान बूझ कर फंसाया गया है और सभी निर्दोष हैं।
चार्जशीट में बताया गया है कि छोटा राजन के आदेश के बाद शूटर सतीश कालिया ने इस हत्याकांड के लिए अन्य आरोपियों को इकट्ठा किया और हत्या के लिए पिस्तौल लेने के लिए वो नैनीताल गया। छोटा राजन से बात करने के लिए अपने साथी से ग्लोबल रोमिंग सिम कार्ड मंगवाए। हत्या से 3 दिन पहले से पत्रकार जेडे की हर गतिविधि पर नज़र रखी गयी। हत्यारे जेडे को पहचान नहीं पा रहे थे क्योंकि वो हमेशा बाइक से चलते थे और हेलमेट लगाकर रखते थे इसलिए छोटा राजन ने मुम्बई में विनोद चेम्बूर को जेडे को बुलाने के लिए कहा ताकि शूटर्स जेडे को पहचान सके।
बाद में एक दूसरे पत्रकार दोस्त के जरिये जेडे को बुलाया ताकि शूटर्स जेडे को पहचान सकें। छोटा राजन के कहने पर मुलुंड के उमा पैलेस बार मे जेडे को बुलाकर शूटर्स को दिखाया गया। मामले में सरकारी पक्ष के वकील को उम्मीद है कि विशेष मकोका अदालत से उनके हक़ में फैसला आएगा और तमाम आरोपियों को सख्त सज़ा मिलेगी। सीबीआई ने छोटा राजन के साथ-साथ रवि रतेश्वर और नयन सिंह बिष्ट को भी आरोपी बनाया था लेकिन दोनों ही कानून की पकड़ से दूर हैं। साथ ही मामले के मुख्य आरोपी छोटा राजन पर यूं तो कई मुकदमे दर्ज हैं लेकिन ये ऐसा पहला और हाई प्रोफाइल मामला है जिसमें पहली बार अदालत छोटा राजन पर अपना फैसला सुना सकती है।