नई दिल्ली: लगातार बारिश की वजह से मुंबई के लोगों की परेशानियां बढ़ गईं हैं। हमेशा न रुकने वाली मुंबई बारिश की वजह से थम गई है। हलांकि ये स्थिति आज की नहीं बल्कि कई सालों से चलती आ रही है। आखिर मुंबईवासियों को ये परेशानी क्यों झेलनी पड़ती है इसका जवाब कोई नहीं दे पाता। कल एक बार फिर वही स्थिति थी। जो घर में थे, वो घर में फंस गये, जो दफ्तर में थे, वो दफ्तर में फंस गए और जो सड़क पर थे उन्हें रेस्क्यू करना पड़ा। जलभाव से बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। इस बारिश में एक जून से लेकर अब तक कुल 35 लोगों की मौत हो गई है जबकि 56 लोग घायल हो गए हैं। 19 लोगों की मौत डूबने से हो गई। 6 लोग पेड़ गिरने से और 3 लोग करंट लगने मर गए। अंधेरी में पुल गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। क्या बस, क्या ट्रेन, यातायात की सभी व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं।
अधिकारियों ने बताया कि पश्चिमी रेलवे (डब्ल्यू आर) के एक हिस्से में पटरियों पर पानी भरने की वजह से उपनगरीय सेवा निलंबित कर दी गई और लंबी दूरी वाली कई ट्रेन सेवाएं और इंटर सिटी एक्सप्रेस या तो विलंब से चल रही हैं या रद्द कर दी गई हैं। भारी बारिश की वजह से शहर और इसके पड़ोसी जिले पालघर और ठाणे के निचले इलाके की कई सड़कों और गलियों में पानी भर गया है। कुछ स्थानों पर लोग कमर तक गहरे पानी में चलते देखे गए। शहर और आस-पास के क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति करनेवाली सबसे बड़ी तुलसी झील में पानी लबालब भर गया है और यह उफनकर ऊपर बह रहा है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बृहस्पतिवार तक भारी और भीषण बारिश का अनुमान व्यक्त किया है। मुंबई के लिए बारिश का स्तर दर्ज करने वाली आईएमडी कोलाबा वेधशाला ने कल आठ बजकर 30 मिनट से आज आठ बजकर 30 मिनट तक यानी 24 घंटे में 165.8 मिमी बारिश दर्ज की। उपनगरीय मुंबई में बारिश का स्तर दर्ज करने वाली सांताक्रूज वेधशाला ने इसी दौरान 184. मिमी बारिश दर्ज की। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि कल रात से 200 मिमी बारिश दर्ज की गई है और इससे रेलवे ट्रैक पर पानी भर गया है।
इन तस्वीरों को देखकर ही सुप्रीम कोर्ट को कहना पड़ा कि दिल्ली कूड़े के ढेर में दबी हुई है और मुंबई बारिश के पानी में डूबती जा रही है लेकिन राज्य सरकारें कुछ भी नहीं कर रही हैं। इस फटकार के बाद भी स्थिति कुछ बदली नहीं है। बारिश का पानी अब तक मुंबई की सड़कों पर है और मौसम विभाग ने जो कहा है वो और लोगों को डरा रहा है। अनुमान ये है कि अगले 24 से 48 घंटे तक बारिश यूं ही होती रहेगी।
ऐसा नहीं है कि सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ने ही कहा है, बॉम्बे हाईकोर्ट ने रेलवे और राज्य सरकार से सवाल किया है कि हर साल रेल पटरियों पर पानी भरता है, कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाए। इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं क्योंकि विवादों में कल एक बार फिर रेलवे आ गई जब एक तस्वीर वायरल हुई जिसमें कहा गया कि पटरियों को कपड़ों से बांधकर चलाया जा रहा है। हलांकि बाद में रेलवे ने कहा कि ये सिर्फ मार्क के लिए था लेकिन सच तो सच है।
बारिश की वजह से मुंबई की हालत ये है कि बड़ोदरा एक्सप्रेस के यात्रियों को रेस्क्यू करके निकाला गया, वेस्टर्न रेलवे ने 10-13 जुलाई तक 11 एक्सप्रेस ट्रेन रद्द करने का फैसला किया है और एक दर्जन से ज्यादा ट्रेनों का रुट बदल दिया गया। सड़क से लेकर रेलवे ट्रैक तक नाव चलाई जा रही है। सच यही है, दो घंटे के बरसात में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की व्यवसायिक राजधानी की राजनीति, विज्ञान और सुशासन गटर में तैरने लगती है।