मुंबई: सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 16 प्रतिशत आरक्षण को लेकर मराठा समाज सरकार को झकझोरने के लिए बुधवार को मुंबई में अति विशाल मोर्चा निकालने जा रहा है। यह मोर्चा मूक मोर्चा होगा, इसलिए इसमें कोई नारेबाजी और भाषणबाजी नहीं होगी। इसके मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार, वृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) व अन्य एजेंसियों ने जरूरी तैयारियां कर ली हैं। अधिकारियों ने कहा कि उनका अनुमान है कि मार्च में पांच से आठ लाख लोग शामिल होंगे। लेकिन, आयोजकों का अनुमान है कि यह संख्या तीस लाख से भी अधिक हो सकती है। ये भी पढ़ें: नौकरीपेशा लोगों के लिए खुशखबरी, सरकार जल्द ही ले सकती है यह बड़ा फैसला
वरिष्ठ कांग्रेस नेता नारायण राणे ने संवाददाताओं से कहा कि मोर्चा सुबह 11 बजे भायखला से निकलेगा। यह शांतिपूर्ण और व्यवस्थित होगा, इसमें शामिल लोग मौन रहेंगे और किसी तरह का राजनैतिक भाषण नहीं होगा। मार्च का समापन शाम पांच बजे दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में होगा। राणे ने कहा कि मोर्चा निकालने के बाद एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलकर मांगों का ज्ञापन सौंपेगा। मुख्य मांग मराठा समुदाय को नौकरी और शिक्षा में आरक्षण देने की है।
मूक प्रदर्शन में शामिल होने के लिए मंगलवार को महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों से मराठा समुदाय के लोग मुंबई पहुंच गए हैं। यह नौ अगस्त, 2016 से महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में निकाले जा रहे मोर्चो की कड़ी में 58वां मोर्चा होगा। मराठा सुमदाय के लोग ट्रेन, निजी वाहन, ट्रक, टेंपो यहां तक कि दोपहिया वाहनों पर सवार होकर मुंबई आ रहे हैं। उनके हाथों में मराठा झंडा है और इन्होंने चटख नारंगी पगड़ी बांध रखी है।
मुंबई पुलिस ने जुलूस के दौरान सुरक्षा बनाए रखने के लिए सात हजार कर्मियों को तैनात करने का फैसला किया है। इनमें कमांडो, सशस्त्र पुलिस, सादे कपड़ों में अफसर शामिल हैं। पुलिस उपायुक्त रश्मि करंदीकर ने कहा कि प्रदर्शन को देखते हुए यातायात में बड़े पैमाने पर बदलाव किया गया है। महत्वपूर्ण मार्गो को या तो बंद कर दिया गया है या वन-वे कर दिया गया है। सड़क की यह अफरातफरी मुंबई की लोकल ट्रेनों का रुख करेगी, जो कि पहले से ही यात्रियों के बोझ से दबी हुईं हैं। इन सब के मद्देनजर मूक मोर्चा के आयोजक लोगों से अपील कर रहे हैं कि जब तक बहुत ही जरूरी न हो, घरों से बाहर न निकलें।
पुलिस ने लोगों को यातायात के बारे में जानकारी देने के लिए ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सएप, एफएम रेडियो व अन्य मीडिया संसाधनों का सहारा लेने का फैसला किया है। राज्य के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने ऐलान किया है कि बुधवार को दक्षिण मुंबई के सभी स्कूल बंद रहेंगे। इस मोर्चे को सोची-समझी रणनीति के तहत निकाला जा रहा है, क्योंकि अभी विधानसभा का मॉनसून सत्र चल रहा है। यह सत्तारूढ़ भाजपा-शिवसेना के लिए एक चुनौती होने जा रहा है।
आयोजकों ने मोर्चे में भाग लेने वालों से इसकी आचार संहिता का पालन करने का आग्रह किया है। इसमें मौन रहना, किसी तरह की नारेबाजी या भाषण नहीं करना, मराठा क्रांति मोर्चा के 'लोगो' के अलावा कोई और बैनर और प्लेकार्ड नहीं दिखाना, स्वच्छता का ध्यान रखना और आम लोगों को दिक्कत नहीं पहुंचाना शामिल हैं। मोर्चे को पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित मराठा कौमी इत्तेहाद ने भी समर्थन दिया है। वाम दलों और मुंबई के डब्बावालों ने भी इसका समर्थन किया है। आयोजकों की मांगों में मराठों को नौकरी व शिक्षा में आरक्षण के अलावा, कृषि उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य देना और अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम में संशोधन की मांग भी शामिल है। इनका कहना है कि इस अधिनियम का मराठा समुदाय के खिलाफ दुरुपयोग हो रहा है।