नई दिल्ली: मुंबई के डोंगरी हादसे में अबतक 14 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 8 लोग घायल हैं। मलबे में अभी भी कुछ लोगों के दबे होने की आशंका है। बीते करीब 18 घंटों से डोंगरी में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। कल मंगलवार को दोपहर करीब पौने बारह बजे डोंगरी में 4 मंजिला इमारत अचानक गिर गई थी जिसके बाद मलबे में 40 से 50 लोगों दब गए थे। आनन फानन में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया था लेकिन संकरी और तंग गलियां होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आई।
‘कौसर बाग’ बिल्डिंग करीब सौ साल पुरानी थी। 2017 में ही इमारत को खाली करने के आदेश दिए गए थे लेकिन हैरानी की बात ये है कि नोटिस जारी होने के दो साल बाद तक भी इमारत पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के एक अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक सूचना के अनुसार इमारत का एक बड़ा हिस्सा सुबह करीब 11 बजकर 40 मिनट पर गिर गया।
बेहद घनी आबादी और संकरी सड़कों वाले इलाके में स्थित इस इमारत में काफी लोग रह रहे थे। इसके मलबे में 40-50 लोगों के फंसे होने की आशंका है। बीएमसी ने इमामबाड़ा नगरपालिका उच्चतर माध्यमिक कन्या विद्यालय में आश्रयस्थल बनाया है। दमकल विभाग, मुंबई पुलिस और निकाय अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं लेकिन संकरी सड़कों के कारण राहत एवं बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं।
बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी बचाव कार्य में जुटे हैं और मलबा हटाने में मदद कर रहे हैं।
बचाव कार्य में मदद के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें भी मौके पर पहुंच गयी हैं। एम्बुलेंस मौके पर नहीं पहुंच पा रही है, उसे 50 मीटर की दूरी पर खड़ा करना पड़ा। मौके पर पहुंचे मुम्बादेवी के विधायक अमिर पटेल का कहना है कि हमार अंदाजा है कि मलबे में अभी भी 10-12 परिवार फंसे हुए हैं।
एक अन्य विधायक भाई जगताप का कहना है कि निवासी लगातार महाडा से शिकायत कर रहे थे कि इमारत बहुत पुरानी है और बेहद खस्ता हाल है। इस इमारत का मालिकाना हक महाराष्ट्र आवास एवं विकास प्राधिकरण (महाडा) के पास है। संस्था के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। वहीं महाडा का कहना है कि उसने यह इमारत पुन:विकास के लिए एक प्राइवेट बिल्डर को दी गयी थी और वह जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
महाडा के अध्यक्ष उदय सामंत का कहना है कि डोंगरी स्थित इमारत उसके अधिकार क्षेत्र में जरूर थी लेकिन उसे पुन:विकास के लिए प्राइवेट बिल्डर को दिया गया था। उन्होंने कहा, अगर बिल्डर ने पुन:विकास में देरी की है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यदि महाडा के अधिकारी इसे लिए जिम्मेदार हैं तो उनके खिलाफ भी कड़ी कर्रवाई होगी।