मुंबई: दक्षिण मुंबई के डोंगरी क्षेत्र में मंगलवार को एक इमारत ढहने के बाद घटनास्थल के आस-पास तंग गलियां होने के कारण राहतकर्मियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई ऊंची इमारतों वाले सबसे घनी आबादी वाले इलाकों में से एक डोंगरी के कुछ निवासियों ने बताया कि अगर जेसीबी मशीनें दुर्घटनास्थल तक पहुंच पातीं तो ज्यादा लोगों की जिंदगियों को बचाया जा सकता था।
आवासीय मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने जानकारी दी कि दक्षिण मुंबई के डोंगरी इलाके में संकरी गली में स्थित ‘केसरबाग’ यह हादसा हुआ है। अबतक मिली जानकारी के मुताबिक इस हादसे में 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि 9 लोग घायल हैं। अधिकारियों का कहना है कि मलबे में 40 से 50 लोगों के फंसे होने की आशंका है।
दमकल विभाग, मुंबई पुलिस और नगर निकाय के अधिकारी मौके पर पहुंचे लेकिन गलियां तंग होने के कारण मलबे में तब्दील क्षेत्र में आवागमन बहुत मुश्किल है। संकरी गलियों के कारण बचावकर्मियों को मलबे से शव और घायलों को निकालने में खासी मशक्कत करनी पड़ी।
राहतकर्मियों के काम में स्थानीय लोगों ने भी बहुत मदद की। एंबुलेंस भी घटनास्थल तक नहीं पहुंच सकीं और इन्हें करीब 50 मीटर की दूरी पर खड़ा किया गया। डोंगरी क्षेत्र के निवासी शाहनवाज कापडे ने कहा कि अगर हादसा स्थल तक जेसीबी मशीनें पहुंच जातीं तो हताहतों की संख्या कम हो सकती थी।
उन्होंने कहा, ‘‘आप अब समझ सकते हैं कि अगर बारिश हो रही होती तो क्या होता। अच्छी बात यह है कि बारिश नहीं हो रही है वरना इन संकरी गलियों में बचाव अभियान लगभग असंभव होता क्योंकि बचावकर्मी खुलकर चल भी नहीं सकते।’’ (इनपुट- भाषा)