नई दिल्ली: महाराष्ट्र के ठाणे में रेलवे पुलिस ने ट्रेन से शराब के जखीरे को पकड़ा है। रेड के दौरान जब शराब के जखीरे को पुलिस ने पकड़ा तो तस्करी के तरीके को देखकर खुद पुलिसवाले हैरान रह गए। दरअसल शराब को स्मगलिंग करने वाले स्मगलर ट्रेन के अंदर तहखाना बनाकर तस्करी को अंजाम दे रहे थे। पुलिस ने पूरी ट्रेन खोज डाली लेकिन तहखाना नहीं मिला। फिर टॉयलेट की छत खोली गई तो उसमें सात फीट से बड़ा तहखाना मिला जिसमें हजारों शराब की बोतलें रखी हुई थीं। शराब की ये बोतलें गोवा से गुजरात भेजी जा रही थीं। ये भी पढ़ें: 20 साल का बेटा 21 साल की मां से करता था रेप, अरेस्ट
गुजरात में दो महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। आशंका ये जताई जा रही है कि शराब का ये जखीरा गुजरात में वोटर्स और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को लुभाने के लिए भेजा जा रहा था। दरअसल गोवा की ये सस्ती शराब अन्य राज्यों में पहुंचने के बाद महंगी हो जाती है इसलिए इसकी डिमांड तस्करों से ज्यादा की जाती है।
इस ट्रेन की बोगी से एक दो नहीं बल्कि 2 हजार बोतल शराब बरामद की गई। दरअसल कल्याण रेलवे क्राइम ब्रांच और RPF को जानकारी मिली थी कि गोवा से गुजरात जा रही पोरबंदर एक्सप्रेस में भारी मात्रा में शराब अवैध तरीके से गुजरात ले जायी जा रही है। फौरन पुलिस की टीम एक्शन में आई और आधा दर्जन से ज्यादा पुलिसवालों की टीम पनवेल और भिवंडी के बीच कोचूवेली-पोरबंदर एक्सप्रेस की तलाशी लेनी शुरू कर दी। पुलिस वालों की टीम स्क्रू ड्राइवर और औजार लेकर असलहे के साथ लैस थी।
बोगी के हर कोने की तलाशी ली गई लेकिन कुछ नहीं मिला। अचानक से एक पुलिस अफसर की नजर टॉयलेट की छत पर गई। छत पर लगे प्लाई का स्क्रू नया दिखा जबकि बाकी सभी पुराने थे। शक गहराया तो छत को ठोका कर देखा गया। वहां कुछ वजन महसूस हुआ और जब मोबाइल के टार्च से अंदर देखा गया तो लोग भौचक्के रह गए। उसमें एक दो नहीं बल्कि शराब का जखीरा छिपाकर रखा गया था।
टायलेट के अंदर शराब की इतनी सारी बोतलें देखकर हर कोई हैरान था। स्मगलिंग के इस अनदेखे वीडियो को देखकर लोग यकीन नहीं कर पा रहे थे। हैरान थे सभी कि कैसे टॉयलेट के ऊपर इस गुप्त तहखाने को बनाया गया वो भी इतने सारे मुसाफिरों के बीच। कम से कम आधे घंटे से ज्यादा समय लगेगा शराब के इस जखीरे को चढा़ने और उतारने में। इस ट्रेन का कोई बड़ा हाल्ट बीच में नहीं है लिहाजा आशंका ये भी है कि तस्कर शराब की इन बोतलों को ट्रेन चलने के दौरान पहले से बने तहखाने में छिपाकर रखा हो।