चंडीगढ़: हरियाणा में कोरोना वायरस के सबसे अधिक प्रभावित इलाकों के पास स्थित तीन जिले अधिकारियों द्वारा अपनाई चौतरफा रणनीति और लॉकडाउन के नियमों के सख्ती से पालन के बाद अब कोविड-19 मुक्त हो गए हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि रेवाड़ी, झझर और महेंद्रगढ़ जिले कोविड-19 से सबसे अधिक प्रभावित गुड़गांव, फरीदाबाद और नूंह के नजदीक स्थित हैं। इन जिलों के लोग सीमाओं पर पहरा दे रहे हैं और बाहर से किसी को भी यहां दाखिल नहीं होने दे रहे हैं। वहीं जिला प्रशासन सभी जरूरी चीजें घरों तक पहुंचा रहा है।
‘ग्रीन जोन’ में होने के बावजूद अधिकारियों ने लॉकडाउन में कोई छूट नहीं दी है। रेवाड़ी के उपायुक्त यशेन्द्र सिंह ने बताया कि राजस्थान से लगी सीमा पर स्थित जिले को कोरोना वायरस मुक्त रखने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं और योजनाएं बनाई गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ गुड़गांव से लगे होने के कारण हमारे जिले को काफी खतरा है। इसके अलावा हमारे पड़ोसी जिले दिल्ली के भी नजदीक हैं।’’
सिंह ने बताया कि 25 मार्च को लॉकडाउन जारी होने के बाद ही सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कर्मी और स्वयंसेवकों के विशेष दल बनाए गए, जिसने रेवाड़ी में हर घर में जांच करनी शुरू की। रेवाड़ी की आबादी करीब 14 लाख है और ये समूह 10 लाख से अधिक लोगों की जांच कर चुके हैं। झझर के उपायुक्त जितेन्द्र कुमार ने बताया कि लॉकडाउन की घोषणा के बाद ही उन्होंने ‘ग्रेडेड एक्शन प्लान’ जारी कर दिया था।
उन्होंने कहा, ‘‘ लॉकडाउन शुरू होने के बाद हमारी सबसे बड़ी चुनौती लोगों की आवाजाही कम करना और उन्हें घर के पास ही सब कुछ उपलब्ध कराना थी।’’ उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन ने सब्जी, दूध आदि जरूरी सामान की दुकानों और फेरीवालों का पता लगाया और उनको पंजीकृत करने के बाद ‘पास’ देने शुरू किए। उन्होंने कहा, ‘‘ हमने अंतर-राज्य और अंतर-जिला नाके बनाए और केवल ‘पास’ धारकों को प्रवेश की अनुमति दी। ’’ महेंद्रगढ़ जिले के जिला कलेक्ट जगदीश शर्मा ने कहा, ‘‘ लॉकडाउन की घोषणा के बाद ‘ठिकरी पहरा’ (बाहर के लोगों को अंदर ना आने देने की योजना) शुरू किया गया। गांववालों और एनजीओ ने इसका समर्थन किया और फिर शहरी इलाकों में भी हमने इसे लागू किया।’’