भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके शीर्ष नौकरशाहों को स्विट्जरलैंड में ठहरने की व्यवस्था के लिए लगभग 1.58 करोड़ रुपये खर्च किए गए। आरटीआई दस्तावेजों में यह खुलासा हुआ है। दस्तावेजों के अनुसार मुख्यमंत्री कमलनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव एसआर मोहंती, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अशोक बर्णवाल और राज्य सरकार के औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रधान सचिव, मोहम्मद सुलेमान ने स्विट्जरलैंड के दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच, जनवरी 2019 में भाग लिया था। मध्य प्रदेश सरकार के इस प्रतिनिधिमंडल ने दावोस में एक्सक्लूसिव बिजनेस लाउंज में ठहराया गया आरटीआई दस्तावेजों में इस बात का खुलासा हुआ है।
'इन्वेस्ट इंडिया' के सहयोग से प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने निवेशकों, शिक्षाविदों, नीति निर्माताओं आदि को मध्य भारत में राज्य को एक अत्यधिक संभावित निवेश गंतव्य के रूप में उजागर करने के लिए मुलाकात कि थी ताकि उन्हें निवेश करने के लिए मध्य प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आकर्षित किया जा सके। राज्य सरकार ने इसे ही यात्रा का उद्देश्य बताया था। एक नोटशीट में, जिसकी एक प्रति भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता अजय दुबे द्वारा दायर आरटीआई आवेदन के जवाब में प्राप्त हुई थी उसमें कहा गया कि अगर यात्रा नहीं की जाती है, तो मध्य प्रदेश राज्य में निवेश पाने के लिए निवेश प्रोत्साहन के अवसरों को खो सकता है। यात्रा जिसमें मध्यप्रदेश में एक सत्र शामिल पर लगभग 1.58 करोड़ रुपए खर्च करने के लिए आवश्यक मंजूरी 5 जनवरी को मांगी गई थी।
सीआईआई प्रतिनिधि के एक आर्डर में यह स्पष्ट किया गया था कि भारतीय उद्योग परिसंघ का एक प्रतिनिधिमंडल भी प्रतिनिधिमंडल के साथ है और दावोस की उपरोक्त यात्रा के लिए 1,57,85,000 रुपये की वित्तीय स्वीकृति भी है, जिसमें हवाई टिकट, आवास आदि की लागत भी शामिल है। दावोस के लिए हवाई टिकट और वीजा खर्च के लिए 30 लाख रुपये, होटल के लिए 45 लाख रुपये (ठहरने और बैठक कक्ष), स्थानीय प्रवास पर 9.5 लाख रुपये, ज्यूरिख हवाई अड्डे पर वीआईपी लाउंज एक्सेस के लिए 2 लाख रुपये, यात्रा बीमा पर 50,000 रु और डीआईपीपी लाउंज भागीदारी शुल्क और प्रचार सामग्री पर 40 लाख रुपए का भुगतान किया गया था। RTI के द्वारा जवाब में कहा गया है।
अजय दुबेने कहा कि 1.58 करोड़ रुपये का इतना बड़ा खर्च पूरी तरह से टालने योग्य था, खासकर तब जब राज्य अपने खातों को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहा हो। करदाताओं के पैसे का बेहतर इस्तेमाल हो सकता था। सुलेमान ने 20 दिसंबर को स्विट्जरलैंड में भारतीय दूतावास को पत्र लिखकर होटल बुकिंग के लिए अपना समर्थन मांगा था जिसमें मुख्यमंत्री के लिए एक कार्यकारी सूट और मुख्य सचिव और प्रमुख सचिवों के लिए तीन प्रीमियम कमरे मांग की गई थी।