नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में किसानों को उनकी फसल का जायज दाम दिलाने के लिए पिछली शिवराज सरकार के दौरान शुरू की गई भावांतर योजना को बंद किया जा रहा है। राज्य के नए कृषि मंत्री सचिन यादव ने कहा कि उन्होंने इस योजना को बंद करने का फैसला किया है।
सचिन यादव ने कहा कि भाजपा सरकार के दौरान लाई गई यह योजना किसानों को ध्यान में रखकर तैयार नहीं की गई थी, उन्होंने कहा कि जब से राज्य में भावांतर योजना शुरू की गई थी, तब से किसानों द्वारा पैदा की गई फसलों के दाम घट गए थे, यहां तक की सरकारी समर्थन भी किसानों का नुकसान कर रहा था, यही वजह है कि इस योजना को बंद करने का फैसला किया गया है।
भावांतर योजना के तहत किसान अपनी फसल को मर्जी के मुताबिक बाजार भाव पर बेच सकते हैं, बाजार भाव और फसल के समर्थन मूल्य के बीच का अंतर सरकार की तरफ से किसान के खाते में जमा किया जाता था, यानि बाजार में अगर किसी फसल का दाम समर्थन मूल्य से कम हो तो भी किसानो को भावांतर योजना के तहत समर्थन मूल्य मिल जाता है, लेकिन अब राज्य सरकार ने इस योजना को बंद करने का फैसला किया है।
मध्य प्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है और इसी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान किसानों की कर्ज माफी की घोषणा की थी, इस घोषणा का कांग्रेस को लाभ हुआ और वह मध्य प्रदेश में सरकार बनाने में कामयाब हो गई। लेकिन मध्य प्रदेश में भावांतर योजना भी काफी लोकप्रिय है और इसकी मदद रे राज्य के किसानों को फसलों का समर्थन मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलती थी।